प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज वर्चुअल समिट के जरिए एक दूसरे से बात कि इस दौरान पीएम ने कहा नदियों के प्रति सम्मान भारत और अफगानिस्तान द्वारा साझा एक सांस्कृतिक परंपरा है। पिछले 2 दशकों में, भारत अफगानिस्तान के विकास में सबसे प्रमुख भागीदारों में से एक रहा है।
उन्होंने कहा भारत ने अफगानिस्तान में जिन कई परियोजनाओं में सहायता की है, उन्होंने हमारी मित्रता को मदद की है और दोनों देशों को करीब लाया है। आज, काबुल में शहतूत बांध पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हमारी मजबूत दोस्ती पर आधारित होंगे।
PM Shri @narendramodi's remarks at virtual ceremony for Signing of MoU on Shahtoot Dam with Afghanistan President. https://t.co/yZn3luz7xp
— BJP (@BJP4India) February 9, 2021
पीएम ने कहा जब मैंने 2015 में देश का दौरा किया था, तब मैंने भारत में अफगानी लोगों से बहुत प्यार किया था। मैं सभी अफगानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत आपके साथ खड़ा रहेगा। कोई भी बाहरी शक्तियां हमारी दोस्ती में बाधा नहीं डाल पाएंगी या आपकी वृद्धि को प्रभावित नहीं कर सकती हैं।
उन्होंने कहा विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती और मजबूत हुई है। यही दोस्ती यही निकटता कोरोना महामारी के बीच दिखती रही। हमारे लिए अफगानिस्तान की आवश्यकता महत्वपूर्ण रही हैं और रहेंगी।
मोदी बोले भारत ने हमेशा शांति प्रक्रिया का समर्थन किया है जिसका नेतृत्व अफगानिस्तान और उसी के नियंत्रण में होगा। अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट करना बहुत महत्वपूर्ण है जो उन्हें किसी भी समस्या से लड़ने में मजबूत करेगा।