इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स की उम्मीदें अब लगभग खत्म होती नज़र आ रही हैं। सोमवार को राजस्थान रॉयल्स से हुए एक अहम मुकाबले में चेन्नई की टीम का खराब फॉर्म एक बार जारी रहा। राजस्थान की दमदार गेंदबाज़ी के आगे चेन्नई की टीम 20 ओवर में 125 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं खड़ा कर पाई और उसे हार का मुंह देखना पड़ा।
अबू धाबी के शेख जाएद स्टेडियम में हुए मुकाबले के बाद धोनी काफी निराश दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि वह टीम की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। धोनी ने कहा, हमें देखना होगा कि क्या हमारी प्रक्रिया गलत है। परिणाम तो प्रक्रिया का एक हिस्सा है, लेकिन एक बात सच्ची है कि अगर आप प्रक्रिया पर ध्यान दोगे तो परिणाम का दबाव ड्रेसिंग रूम में नहीं आएगा। हम इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, आप ज्यादा छंटाई नहीं करते हो क्योंकि तीन-चार-पांच मैच के बाद आप किसी चीज को लेकर आश्वस्त नहीं होते हो। असुरक्षा ऐसी चीज है जो आप अपनी टीम में नहीं चाहते हो।
पिच को लेकर धोनी ने कहा, इस पर तेज गेंदबाजों के लिए मदद थी। मैं बीच में रवींद्र जडेजा को लेकर इसलिए आया, क्योंकि मैं देखना चाहता था कि इस पर गेंद कितना रुक रही है। लेकिन पहली पारी में जितना रुक रही थी, उतना नहीं रुक रही थी। इसलिए मैं फिर तेज गेंदबाजों के पास गया।
आपको बता दें कि इस सीज़न चेन्नई की ये दसवें मुकाबले में सातवीं हार है। प्वाइंट्स टेबल पर धोनी की टीम 6 अंकों के साथ आखिरी पायदान पर है। चेन्नई की टीम का ऐसा हाल इससे पहले किसी भी सीजन में नहीं हुआ था। अनुभवी खिलाड़ियों से भरी चेन्नई की टीम के इस सीज़न अब प्लेऑफ्स में जाने की उम्मीदें कम ही नज़र आ रही हैं। अब टीम को कॉम्पिटिशन में बने रहने के लिए अपने बचे हुए चार मुकाबले हर हाल में जीतने होंगी और उसके बाद भी उसे किस्मत का साथ चाहिए होगा।