रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: कोरोना के भीषण कहर में टाटा स्टील ने ऑक्सीजन सप्लाई कर देश को एक नई दिशा दी है। बुधवार को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने टाटा स्टील के शेयरधारकों को उस वक्त चौंका दिया, जब टाटा स्टील की सालाना जनरल मीटिंग में बिना कोई कार्यक्रम के ही वो 114वीं एजीएम में अचानक पहुंच गए। उन्हें देख टाटा स्टील के शेयरधारक चौंक गए।
आपको बता दें कि टाटा स्टील के कई शेयरधारक रतन टाटा को देख खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। इनमें ऐसे भी शेयरधारक थे, जिनके पास टाटा स्टील के शेयर दो या इससे ज्यादा पीढ़ियों से है। इस दौरान रतन टाटा ने कहा कि टाटा स्टील का उनके दिल में खास जगह है। उन्होंने कहा कि 57 साल पहले उन्होंने टाटा स्टील से अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने तीन साल तक शॉप फ्लोर पर काम किया था। तब से उन्होंने कंपनी की ग्रोथ को काफी करीब से देखा है।
टाटा स्टील की स्थापना साल 1907 में हुई थी। यह देश की सबसे पुरानी स्टील कंपनियों में से एक है। कंपनी ने अब तक के सफर के में कई उतार-चढ़ाव और नफा-नुकसान देखे हैं। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस एजीएम (AGM) में रतन टाटा ने संक्षिप्त भाषण दिया। उन्होंने कंपनी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों और मांग में कमी के बावूजद टाटा स्टील ने अच्छे नतीजे दिए हैं।
उन्होने अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर 25 रुपये डिविडेंड देने का एलान किया है। रतन टाटा ने कहा कि यह उन शेयरधारकों के लिए है, जो कंपनी के साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि इस डिविडेंड से वे खुश होंगे। टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 2021 में 30,892 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट हासिल किया है।