प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे के दूसरे दिन मैसूर में 103वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल के पीएमओ इंडिया पर ट्वीट करते हुए जानकारी दी।
जिसमें पीएम मोदी ने कहा मैसूर यूनिवर्सिटी, प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की Aspirations और Capabilities का प्रमुख केंद्र है। इस यूनिवर्सिटी ने “राजर्षि” नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया है।
हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं।
ये हज़ारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है।जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है।
आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 19, 2020
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। ये हज़ारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है। जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है। आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
अब आप एक फॉर्मल यूनिवर्सिटी कैंपस से निकलकर, रियल लाइफ यूनिवर्सिटी के विराट कैंपस में जा रहे हैं।
ये एक ऐसा कैंपस होगा जहां डिग्री के साथ ही, आपकी ability और काम आएगी, जो Knowledge आपने हासिल की है उसकी Applicability काम आएगी: PM
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आप को बता दे कि कर्नाटक में अब तक 10 बार विज्ञान कांग्रेस का आयोजन हो चुका है, जिसमें मैसूर में यह दूसरी बार हो रहा है। 8 बार इस कार्यक्रम का आयोजन बेंगलुरू में किया गया है।
दिलचस्प बात ये है कि पहली विज्ञान कांग्रेस का आयोजन भी मैसूर में ही 1917 में किया गया था। उस वक्त मैसूर के महाराजा नलवाडी कृष्णराजा वडियार ने भारतीय विज्ञान संस्थान परिसर में इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने इस संस्थान के लिए 1911 में 371 एकड़ जमीन दान में दी थी।
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में आगे कहा आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं। बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटका के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं।
आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं।
बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटका के धारवाड़ में भी खुली है।
2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं: PM
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उन्होंने आगे कहा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है।
हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है: PM
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उन्होंने आगे कहा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है।
हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है: PM
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प्रधानमंत्री ने आगे कहा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है।
हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है: PM
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आप को बता दे कि इस समारोह का आयोजन मैसूर द्वारा 34 साल बाद ऐसे वक्त में किया गया है, जब मैसूर यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना का 100वां साल मना रही है।