हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक मुंशी प्रेमचंद की आज जयंती है। हिंदी साहित्य में उनका योगदान देश कभी नहीं भूल सकता है।
एक पाठक के तौर पर प्रेमचंद जैसे महान कथाकार की रचनाओं को पढ़ते समय हर बार एक नई उम्मीद का सुखद एहसास होता है।
आज उनकी जयंती पर गृह मंत्री अमित शाह ने उनको याद किया है। उन्होंने लिखा, मुंशी प्रेमचंद जी ने एक गरीब परिवार से आने के बाद भी देश की आजादी के लिए गांधी जी के आह्वान पर अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
स्वाधीनता संग्राम में उन्होंने राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत ‘सोज़े वतन’ नाम का कहानी संग्रह लिखा। उनकी जयंती पर मैं युवाओं से उनकी रचनाओं को पढ़ने का आग्रह करता हूँ।
वही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी उन्हें याद किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, गरीबों के दुख में, उपेक्षा व कर्ज में पिसते किसानों की बेबसी में, निर्मम सरकारी झूठ में- #मुंशी_प्रेमचंद के किरदार आज भी मौजूद हैं।
मुंशीजी कहते थे ‘क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं करोगे’। वर्तमान व्यवस्था पर साहस के साथ सवाल उठाना ही प्रेमचंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।