कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए तमाम कोशिशें कर रही केंद्र की मोदी सरकार ने आज एलान किया है कि रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन लागू हो जाएगा। इसके साथ ही कोरोना वायरस की वजह से देश-विदेश की अर्थव्यवस्था चर्मराई हुई है।
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि, इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके आगे उन्होंने आने वाली चुनैतियों को लेकर पीएम ने कहा कि, आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण की सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। घर में रहें, घर में रहें और एक ही काम करें कि अपने घर में रहें।
इसके आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि, आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए। कोरोना वायरस से पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे। ये और भी भयावह है कि 2 लाख संक्रमित लोगों से 3 लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे।
चीन, अमेरिका, फ्रांस,जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए। याद रखिए इटली हो या अमेरिका, उनकी स्वास्थ्य सेवाएं दुनिया में बेहतरीन मानी जाती हैं, बावजूद इसके वहां इसे फैलने से नहीं रोका जा सका। कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए। हफ्तों तक इन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले, इसलिए ये देश इस महामारी से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे हैं।
भारत आज उस स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। ये समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है। ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है।
जब तक देश में lockdown की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे प्रर्थना है कि घरों में रखकर आप उनके लिए मंगलकामना कीजिए जो खुद को खतरे में डालकर दूसरों को बचा रहे हैं।