पूजा बेदी के नागा बाबा बयान पर नाराज अखाड़ा परिषद
गोवा बीच पर न्यूड दौड़ने और उसकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले अभिनेता और मॉडल मिलिंद सोमन पर केस दर्ज होने के मामले में अभिनेत्री पूजा बेदी उनके बचाव पर उतर आईं हैं। पूजा बेदी ने मिलिंद का बचाव करते हुए ट्वीट कर हिंदू धर्म में अघोर पंथ का पालन करने वाले नागा साधुओं पर भी टिप्पणी की।
पूजा बेदी ने एक प्राचीन धार्मिक परंपरा की तुलना मिलिंद सोमन के ‘न्यूड रेस’ से कर दी। पूजा बेदी के इस ट्वीट पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है।
A bsolutely nothing obscene about @milindrunning aesthetic pic. The obscenity lies in the minds of a viewer imagining more!
His crime is being good looking,famous & setting bench marks!
If nudity is a crime all naga babas should be arrested. Smearing ash can't make it acceptable! pic.twitter.com/vTTAK8whIi— Pooja Bedi (@poojabeditweets) November 8, 2020
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने किसी फिल्मी कलाकार के नग्नता और अश्लीलता की तुलना अनादि काल से चली आ रही नागा सन्यासियों की परंपरा से किए जाने को गलत करार दिया है।
Please tell me why this video of naked men flashing & flaunting their genitalia isn't obscene? Because it involves men considered "holy" ? Is there anything holy about what they r doing in this video? Why should't they b booked 4 obscenity?@milindrunninghttps://t.co/0rcLQ9H6ev
— Pooja Bedi (@poojabeditweets) November 9, 2020
नरेंद्र गिरि ने अभिनेत्री पूजा बेदी को नसीहत देते हुए कहा है कि पहले उन्हें नागा सन्यासियों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए कि आखिर नागा सम्प्रदाय क्या है, कौन होते हैं, कैसे बनते हैं और क्यों बनते हैं।
नागा सन्यासी सन्यास परंपरा के वैष्णव परंपरा और दिगंबर जैन परंपरा दोनों में होते हैं। नागा सन्यासी त्याग की मूर्ति होते हैं। नागा अपना काम, क्रोध, मोह और लोभ छोड़कर सन्यास परंपरा में आते हैं।
दिगंबर का मतलब यह होता है कि समाज की सभी बुराइयों से दूर होकर देश, समाज और धर्म की रक्षा के लिए काम करेंगे। नागा सन्यासियों की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है और इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया है।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि फिल्मी कलाकार अपने अंग का जिस तरह से प्रदर्शन चाहे करें, किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सनातन परंपरा में नागाओं को प्रणाम करने से मन को शांति मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि अपने फायदे के लिए जो लोग नग्न प्रदर्शन करते हैं उससे समाज में गलत संदेश जाता है।
उन्होंने पूजा बेदी के ट्वीट को लेकर कहा है कि शायद पूजा बेदी को सन्यासियों की नागा परंपरा के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए अखाड़ा परिषद की ओर से उन्हें 2021 में हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ में आमंत्रित करता हूं, कि वे महाकुंभ में आकर नागा संन्यासियों की परम्परा के बारे में जानकारी प्राप्त करें।