छिंदवाड़ा में राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है। क्योंकि अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कांग्रेस नेता कमल नाथ के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा लेकर आई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र में कड़ी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा का फोकस अमरवाड़ा पर लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर कब्जा करने में मिली सफलता के बाद अब भाजपा का लक्ष्य अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर है। यह उपचुनाव दोनों पार्टियों के लिए अहम जंग का मैदान बन गया है।
कमलेश शाह का दलबदल
कांग्रेस विधायक राजा कमलेश शाह द्वारा भाजपा में शामिल होने, अपने विधानसभा पद से इस्तीफा देने और कमल नाथ के प्रभाव को झटका लगने के बाद उपचुनाव की स्थिति पैदा हुई।
उपचुनाव कार्यक्रम
नामांकन अवधि, नामांकन फॉर्म 21 जून से जमा किए जा सकते हैं, जिसकी अंतिम तिथि 21 जून है।
नाम वापसी की अंतिम तिथि, उम्मीदवार 26 जून तक अपना नामांकन फॉर्म वापस ले सकते हैं।
वोटिंग और नतीजे, वोटिंग 10 जुलाई को होगी और नतीजे 15 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।
मैदान में उम्मीदवार
भाजपा के संभावित उम्मीदवार, कमलेश शाह प्रमुख दावेदार हैं, मोनिका बट्टी के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।
कांग्रेस की चुनौती, बढ़ती चुनौतियों के बीच पार्टी अमरवाड़ा में अपना गढ़ बरकरार रखने का प्रयास कर रही है, इसलिए कमल नाथ के नेतृत्व की परीक्षा होगी।
कमल नाथ की प्रतिष्ठा पर असर
छिंदवाड़ा को ऐतिहासिक रूप से कमल नाथ का गढ़ कहा जाता है। हालाँकि, हाल ही में लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नकुल नाथ की हार ने उनके स्थायी प्रभाव पर संदेह पैदा कर दिया है। अपनी राजनीतिक ताकत और विश्वसनीयता को फिर से स्थापित करने के लिए कमल नाथ के लिए अमरवाड़ा सीट जीतना महत्वपूर्ण है।
अपनी हार के बाद नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा के प्रति परिवार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि वे इस क्षेत्र को नहीं छोड़ रहे हैं। आगामी उपचुनाव नाथ परिवार के राजनीतिक भविष्य और क्षेत्र में अपना गढ़ बनाए रखने के उनके प्रयासों के लिए एक निर्णायक क्षण होगा।