दिल्ली: पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हार की आशंका होने पर ही दलित उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है।उन्होंने कांग्रेस के इस दावे को खारिज कर दिया कि सत्ता में चाहे कोई भी हो, देश विकास करेगा, उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे बयान उन लोगों की ओर से आते हैं जो सरकार को “ऑटो-पायलट मोड” पर चलाते हैं।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि 2024 के चुनाव नतीजे लोगों द्वारा प्रदर्शन के पक्ष में प्रचार को खारिज करने को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने की राजनीति हार गयी है। उन्होंने दोहराया कि भाजपा के लिए, संविधान केवल लेखों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें महत्वपूर्ण भावना और महत्व है।
आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियाँ
मोदी ने घरेलू पूंजी बाजार और वैश्विक उत्साह पर चुनाव परिणामों के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
उन्होंने उल्लेख किया कि स्वयं सहायता समूहों में एक करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन गई हैं, जिनकी संख्या बढ़कर तीन करोड़ होने की उम्मीद है।
यूपीए की ऋण माफी के तीन करोड़ लाभार्थियों की तुलना में पीएम-किसान योजना से 10 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ हुआ।
राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस अपने काले कारनामे छिपाने का काम कर रही है। कांग्रेस का पदजीवी युग शुरू हुआ है। जहां खुद मैदान में उतरे वहां हार हुई। किसी और के कंधों पर आए तो जीत मिली। जनता जनार्दन का विश्वास जीतने के लिए यह कुछ नहीं कर पा रहे हैं।’
मोदी ने सार्वजनिक परिवहन में तेजी से बदलाव और विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के विस्तार का वादा किया।
गरीबी के खिलाफ लड़ाई
प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हुए आने वाले पांच वर्षों में गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की प्रतिबद्धता जताई।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने वाकआउट किया।
मोदी ने टिप्पणी की कि विपक्ष 140 करोड़ लोगों द्वारा एनडीए को दिए गए जनादेश को पचा नहीं सका।
राज्यसभा अध्यक्ष की आलोचना
राज्यसभा के सभापति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम के जवाब के दौरान वॉकआउट करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘कई आरोप लगाए गए, कुछ आरोप ऐसे हैं, जिनका जवाब घटनाएं खुद दे देती हैं। जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान के जो आंकड़े हैं, वो पिछले 4 दशक के रिकॉर्ड को तोड़ने वाले हैं। ये भारत के संविधान को, भारत के लोकतंत्र को, भारत के चुनाव आयोग को स्वीकृति देते हैं। ये बहुत बड़ी सफलता है।’