आज पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए है। उन्होंने इस मौके पर देश के किसानों की जमकर तारीफ़ करते हुए कहा कि देश के किसानों ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ अन्न का उत्पादन किया है।
'क्या आप जानते हैं?
2014 तक सिर्फ 11 राज्यों में फूड सिक्योरिटी एक्ट लागू था, अब सभी जगह लागू है।
कोरोना काल में किसानों ने पिछले साल के उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
सरकार ने गेहूं, धान और दालें आदि खाद्यान्न की खरीद के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।' #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/eUZGyAaaxf
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उन्होंने कहा, 2014 तक सिर्फ 11 राज्यों में फूड सिक्योरिटी एक्ट लागू था, अब सभी जगह लागू है। कोरोना काल में किसानों ने पिछले साल के उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। सरकार ने गेहूं, धान और दालें आदि खाद्यान्न की खरीद के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
FAO के World Food Program को इस वर्ष नोबल शांति पुरस्कार मिलना एक बड़ी उपलब्धि है।
भारत को खुशी है कि इसमें भी हमारी साझेदारी और हमारा जुड़ाव ऐतिहासिक रहा है।
डॉ विनय रंजन सेन जब FAO के DG थे, तब उनके नेतृत्व में ही ये प्रोग्राम शुरू हुआ था। #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/gSChQSJOLm
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उन्होंने कहा, FAO के World Food Program को इस वर्ष नोबल शांति पुरस्कार मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को खुशी है कि इसमें भी हमारी साझेदारी और हमारा जुड़ाव ऐतिहासिक रहा है। डॉ विनय रंजन सेन जब FAO के DG थे, तब उनके नेतृत्व में ही ये प्रोग्राम शुरू हुआ था।
कृषि सुधारों से संबंधित जो कानून बनाया गया है, उसमें जब किसान किसी से समझौता करेगा तो बुवाई से पहले ही उपज की कीमत तय हो जाएगी।
अगर किसान किसी कारण समझौता तोड़ता है तो, उसे कोई जुर्माना नहीं देना होगा लेकिन अगर वो फर्म ऐसा करती है तो उसे जुर्माना देना होगा। #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/JooJO9OqyC
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आगे उन्होंने कहा, कृषि सुधारों से संबंधित जो कानून बनाया गया है, उसमें जब किसान किसी से समझौता करेगा तो बुवाई से पहले ही उपज की कीमत तय हो जाएगी। अगर किसान किसी कारण समझौता तोड़ता है तो, उसे कोई जुर्माना नहीं देना होगा लेकिन अगर वो फर्म ऐसा करती है तो उसे जुर्माना देना होगा।
जब 2014 में मुझे देश की सेवा करने का मौका मिला तो मैंने नए सिरे से पूरे देश में कुछ प्रयास शुरू किए।
कुपोषण से निपटने के लिए हम Integrated और holistic approach लेकर आगे बढ़े।
तमाम Silos को समाप्त करके हमने एक बहु-आयामी रणनीति पर काम शुरू किया।#SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/W7A342azqR
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उन्होंने कहा, जब 2014 में मुझे देश की सेवा करने का मौका मिला तो मैंने नए सिरे से पूरे देश में कुछ प्रयास शुरू किए। कुपोषण से निपटने के लिए हम Integrated और holistic approach लेकर आगे बढ़े। तमाम Silos को समाप्त करके हमने एक बहु-आयामी रणनीति पर काम शुरू किया।
आज गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
2014 से पहले सिर्फ एक वैरायटी किसानों तक पहुंची, वहीं आज 45 अलग-अलग वैरायटी किसानों को उपलब्ध हैं। #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/UhpZaQ0b2Q
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आज गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। 2014 से पहले सिर्फ एक वैरायटी किसानों तक पहुंची, वहीं आज 45 अलग-अलग वैरायटी किसानों को उपलब्ध हैं।