प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (SOUL) कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का नई दिल्ली के भारत मंडपम में उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतरीन नेतृत्व का विकास समय की जरूरत है और ‘SOUL’ की स्थापना विकसित भारत की यात्रा में एक बड़ा कदम है।
‘हर भारतीय विकसित भारत के लिए कर रहा कड़ी मेहनत’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,”आज 140 करोड़ भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में हमें हर सेक्टर, हर क्षेत्र में उत्कृष्ट नेतृत्व की जरूरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत कूटनीति से लेकर टेक्नोलॉजी इनोवेशन तक नई नेतृत्व क्षमता विकसित करेगा, तब भारत का वैश्विक प्रभाव कई गुना बढ़ेगा।
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi inaugurates the first edition of the School of Ultimate Leadership (SOUL) Leadership Conclave at Bharat Mandapam.
Bhutan PM Tshering Tobgay also present with him.
(Source: DD News) pic.twitter.com/m8HBSz7jeU
— ANI (@ANI) February 21, 2025
स्वामी विवेकानंद का सपना और नेतृत्व का महत्व
PM मोदी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को याद करते हुए कहा,”स्वामी विवेकानंद भारत को गुलामी से बाहर निकालकर एक वैश्विक शक्ति बनाना चाहते थे। उनका मानना था कि अगर उनके पास 100 समर्पित लीडर्स होते, तो वह भारत को न केवल स्वतंत्र करा सकते थे, बल्कि इसे दुनिया का नंबर वन देश भी बना सकते थे।”
SOUL कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षण
विकसित भारत के निर्माण के लिए नेतृत्व विकास पर जोर
राजनीति, खेल, कला, मीडिया, व्यापार और आध्यात्म के दिग्गजों की भागीदारी
भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग तोग्बे का मुख्य भाषण
भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के लिए नए नेतृत्व का निर्माण
‘जन से जगत’ – व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण
PM मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए बेहतर नागरिकों का विकास आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि हर क्षेत्र में सशक्त नेतृत्व भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।