देश आज अपना संविधान दिवस मनाया जा रहा है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
पीएम मोदी ने इस मौके पर देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर भारतीय नागरिक को संविधान दिवस की शुभकामना देना चाहता हूं। मैं संविधान बनाने में शामिल सभी सम्मानित व्यक्तियों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
I would like to greet every Indian citizen on the constitution day. I would like to thank all the esteemed individuals involved in the making of the constitution: PM @narendramodi
— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
उन्होंने कहा आज डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर संविधान सभा के सभी व्यक्तित्वों को भी नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से देश को संविधान मिला है। आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का दिन है।
आज डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर संविधान सभा के सभी व्यक्तित्वों को भी नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से देश को संविधान मिला है।
आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का दिन है।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/MDLPK3BkwN
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मोदी ने कहा आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था। इस हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी। कई देशों के लोग मारे गए थे। मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है।
पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था।
इस हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी। कई देशों के लोग मारे गए थे।
मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
– पीएम @narendramodi
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मोदी ने कहा आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं।
आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं: पीएम @narendramodi pic.twitter.com/wagOPKN8c0
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पीएम ने कहा अधिकारियों की अध्यक्षता के रूप में, हमारे लोकतंत्र में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आप सभी, कानूनविद के रूप में, लोगों और राष्ट्र के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। आप कार्यकारी, न्यायपालिका और विधायिका के बीच समन्वय को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
As presiding officers, you have a key role in our democracy.
All of you, as lawmakers, are an important link between the people and the nation. You can play a crucial role in improving coordination between executive, judiciary and legislature.
– PM @narendramodi
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मोदी ने कहा संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है। 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे separation of power की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला।
संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है।
70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे separation of power की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला।
– पीएम @narendramodi
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कोरोना काल को लेकर मोदी जी ने कहा इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है। इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है।
इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है। इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है: पीएम @narendramodi
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मोदी ने कहा हमारा संविधान हमें 21 वीं सदी में हर चुनौती से लड़ने का रास्ता दिखाता है। हमारा संविधान अपने 75 वें वर्ष की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे परिदृश्य में, हम नए दशक के साथ सिंक में प्रक्रियाओं को चालू करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।
Our Constitution shows us the way to fight every challenge in the 21st century.
Our Constitution is moving swiftly towards its 75th year.
In such a scenario, we've to work in a planned way to turn processes in sync with the new decade.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/19VT3fmxQl
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मोदी ने आगे कहा कोरोना के समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती दुनिया ने देखी है। इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है। हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है।
कोरोना के समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती दुनिया ने देखी है।
इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है।
हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है।
– पीएम @narendramodi
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उन्होंने कहा हमें यह याद रखना चाहिए कि जब राजनीति लोगों और राष्ट्र-पहली नीतियों को लेती है, तो राष्ट्र को ऐसी परिस्थितियों में प्रतिकूल भुगतान करना पड़ता है।
We must remember that when politics take over people and nation-first policies, the nation has to pay adversely in such situations: PM @narendramodi
— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
उन्होंने कहा हमारे निर्णय का आधार एक ही मानदंड होना चाहिए और वो है राष्ट्रहित। राष्ट्रहित ही हमारा तराजू होना चाहिए। हमें ये याद रखना है कि जब विचारों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है।
हमारे निर्णय का आधार एक ही मानदंड होना चाहिए और वो है राष्ट्रहित।
राष्ट्रहित ही हमारा तराजू होना चाहिए।
हमें ये याद रखना है कि जब विचारों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/X9x2Ox6Sl3
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मोदी ने कहा केवड़िया प्रवास के दौरान आपने सरदार सरोवर डैम की विशालता देखी है, भव्यता देखी है, उसकी शक्ति देखी है। लेकिन इस डैम का काम बरसों तक अटका रहा। आजादी के कुछ वर्षों बाद शुरु हुआ था, अभी कुछ वर्ष पहले ये पूरा हुआ। जनहित का ये प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा।
केवड़िया प्रवास के दौरान आपने सरदार सरोवर डैम की विशालता देखी है, भव्यता देखी है, उसकी शक्ति देखी है। लेकिन इस डैम का काम बरसों तक अटका रहा।
आजादी के कुछ वर्षों बाद शुरु हुआ था, अभी कुछ वर्ष पहले ये पूरा हुआ।
जनहित का ये प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा।
– पीएम @narendramodi
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उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा इसी बांध से पैदा हुई बिजली से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को लाभ हो रहा है। ये सब बरसों पहले भी हो सकता था। लेकिन बरसों तक जनता इनसे वंचित रही।जिन लोगों ने ऐसा किया, उन्हें कोई पश्चाताप भी नहीं है। उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। हमें देश को इस प्रवृत्ति से बाहर निकालना है।
इसी बांध से पैदा हुई बिजली से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को लाभ हो रहा है।
ये सब बरसों पहले भी हो सकता था। लेकिन बरसों तक जनता इनसे वंचित रही।
जिन लोगों ने ऐसा किया, उन्हें कोई पश्चाताप भी नहीं है।
उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है।
हमें देश को इस प्रवृत्ति से बाहर निकालना है। pic.twitter.com/TBylx2b0tv
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उन्होंने आगे कहा जब आपने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया, तो आपने ऊर्जा का एक नया पट्टा महसूस किया होगा। सरदार पटेल जनसंघ या भाजपा के सदस्य नहीं थे, और संसद की तरह ही राजनीतिक एकता की भावना की आवश्यकता है, हमें पूरे देश में भी इसका अभ्यास करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा जैसे सदन में एक भाव की आवश्यकता होती, वैसे ही देश में भी एक भाव की आवश्यकता होती। सरदार पटेल का ये स्मारक इस बात का जीता-जागता सबूत है कि जहां कोई राजनीतिक छूआ-छूत नहीं। देश के गौरव से बड़ा कुछ नहीं हो सकता।
पीएम मोदी ने कहा हमारे संविधान में कई विशेष विशेषताएं हैं लेकिन एक बहुत ही विशेष विशेषता कर्तव्यों को दिया गया महत्व है। महात्मा गांधी इस पर बहुत उत्सुक थे। उन्होंने अधिकारों और कर्तव्यों के बीच घनिष्ठ संबंध देखा। उन्होंने महसूस किया कि एक बार जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो अधिकारों की रक्षा हो जाएगी।
Our Constitution has many special features but one very special feature is the importance given to duties.
Mahatma Gandhi was very keen on this. He saw a close link between rights & duties. He felt that once we perform our duties, rights will be safeguarded.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/iy9wbgAn5n
— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
उन्होंने कहा हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है। ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।
पीएम मोदी ने बोलो हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है जिसके लिए वो कानून बना है। मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है।
PM Shri @narendramodi's address on Constitution Day. https://t.co/urtR1gP5n4
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मोदी ने कहा हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके। हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा।
पीएम बोले समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं।