भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने देश के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, PLI स्कीम के तहत दिसंबर 2024 तक ₹10,213 करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे 1.37 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
मोबाइल फोन उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि PLI स्कीम के चलते भारत अब मोबाइल फोन आयातक से निर्यातक देश बन चुका है। सरकार द्वारा इस सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने से देश में मोबाइल फोन उत्पादन 5 गुना बढ़ा है।
2014-15 में भारत में केवल 6 करोड़ यूनिट्स मोबाइल फोन बनाए जाते थे, जो कि 2023-24 में बढ़कर 33 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच गए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकार की रणनीति भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को मजबूती देने में सफल रही है।
मोबाइल फोन सेक्टर की वैल्यू में जबरदस्त उछाल
बीते 10 वर्षों में भारत में बनने वाले मोबाइल फोन्स की वैल्यू में भी अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।
2014-15 में मोबाइल फोन उत्पादन की कुल वैल्यू ₹19,000 करोड़ थी, जो 2023-24 में बढ़कर ₹4,22,000 करोड़ हो गई।
इस दौरान, भारत में मोबाइल फोन उत्पादन की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 41% रही।
यह आंकड़े बताते हैं कि भारत सिर्फ उत्पादन के मामले में ही नहीं, बल्कि मूल्यवर्धन के क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
मोबाइल फोन निर्यात में ऐतिहासिक वृद्धि
PLI स्कीम के कारण मोबाइल फोन निर्यात में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है।
2020-21 में भारत ने ₹22,868 करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात किए थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा ₹1,29,074 करोड़ तक पहुंच गया।
इस दौरान, मोबाइल फोन निर्यात में 78% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि (CAGR) दर्ज की गई।
इससे स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने वाला देश नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है।
99.2% मोबाइल फोन अब भारत में बन रहे हैं
2015 तक भारत में बिकने वाले 74% मोबाइल फोन आयात किए जाते थे, लेकिन अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं।
2023-24 तक, भारत में उपयोग किए जाने वाले 99.2% मोबाइल फोन घरेलू स्तर पर निर्मित हो रहे हैं।
मोबाइल कंपोनेंट्स के निर्माण में भी आत्मनिर्भरता
PLI स्कीम के कारण भारत में अब केवल मोबाइल फोन ही नहीं, बल्कि उनसे जुड़े महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स का भी उत्पादन किया जा रहा है। इनमें बैटरी, चार्जर, पीसीबीए, कैमरा मॉड्यूल, डिस्प्ले मॉड्यूल, एनक्लोजर, यूएसबी केबल, फेराइट और ग्लास कवर शामिल हैं।
PLI स्कीम से भारत को क्या लाभ हुआ?
✅ ₹10,213 करोड़ का निवेश
✅ 1.37 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां
✅ 662,247 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन
✅ मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 5 गुना वृद्धि
✅ मोबाइल फोन निर्यात में 78% की ग्रोथ
✅ भारत बना मोबाइल फोन निर्यातक देश
PLI स्कीम ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को दी गति
PLI स्कीम की सफलता यह साबित करती है कि भारत ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार की इस नीति के चलते भारत अब केवल आयात पर निर्भर रहने वाला देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है।
अगर यह गति बनी रही, तो आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो सकता है।