लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस को 440 वॉट का झटका लगा है. कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने तीसरे चरण के मतदान से पहले BJP की सदस्यता ली.
आपको बता दे की लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने इंदौर से बीजेपी के खिलाफ ताल ठोंक रखी थी. वे बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. वे लगातार प्रचार कर रहे थे. गली-गली, गांव-गांव जाकर कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे थे. लेकिन, 29 अप्रैल की सुबह अचानक प्रदेश की राजनीति पूरी तरह पलट गई. बम अचानक कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और नामांकन वापस ले लिया. उनके नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी के लिए मैदान करीब-करीब खाली हो गया. यानी, बीजेपी के शंकर लालवानी के लिए मैदान पूरी तरह साफ हो गया.
इस राजनीतिक भूचाल के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर बम ने नामांकन ने वापस क्यों लिया? राजनीति के जानकार इसकी कई वजहें बता रहे हैं. सबसे बड़ी वजह है कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनकी अवहेलना. बताया जाता है कि जिस वक्त अक्षय कांति बम नामांकन दाखिल करने गए थे, उस वक्त कांग्रेस का कोई बड़ा नेता उनके साथ नहीं था. वे नामांकन के वक्त अकेले पड़ गए थे. इसके अलावा जब वे प्रचार करने निकले तब भी उनका वरिष्ठ नेताओं ने साथ नहीं दिया. इन सब बातों से बम नाराज थे. उन्होंने एक जगह ये बात भी कही थी, मैं जानता हूं कि कांग्रेस मुझे ‘बलि का बकरा’ बना रही है.
इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम ने कांग्रेस छोड़ने का कारण बताया… कांति ने कहा – कांग्रेस के बड़े नेताओं की लूट-खसोट और असहयोग से खिन्न थे.हारे हुए प्रत्याशियों द्वारा लाखों… रुपयों की मांग, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को इंदौर नहीं आने देना नाराज़गी का कारण… इंदौर 4 से दावेदारी के वक़्त रुपये लेकर टिकिट बेचने से भी नाराज़ हुए थे बम..!
गौरतलब है कि, इस लोकसभा चुनाव में इंदौर से कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं था. उसने जिस भी नेता को उम्मीदवार बनाने का सोचा, वह बीजेपी में शामिल हो गया. कांग्रेस को इंदौर में सबसे बड़ा झटका संजय शुक्ला के रूप में लगा. संजय एक वक्त कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी बने. लेकिन, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संजय ने बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस को झटका दिया.
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए अक्षय बम के निवास पर पुलिस तैनात हो गई है. पुलिस को आशंका है कि कांग्रेस कार्यकर्ता बम के निवास पर प्रदर्शन कर सकते हैं. इस दौरान तोड़फोड़ न हो, इसलिए पुलिस तैनात की गई है.
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकास और देश के आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भरोसा पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा पर है. कांग्रेस की हालत यह है कि उम्मीदवार भी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते हैं. इंदौर के उम्मीदवार आज भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस देश के विनाश की ओर ले जा रही है, इसलिए अब उसके उम्मीदवार भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं.
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह नगर इंदौर कांग्रेस मुक्त. कांग्रेस मैदान से गायब. कांग्रेस उम्मीदवार वापस. देश और प्रदेश को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले पटवारी इंदौर में कांग्रेस की स्थिति देख लें. इसके बाद अब जीतू पटवारी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये.
भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंदौर में प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अक्षय कांति बम ने नामाकंन वापस लिया। भाजपा अबकी बार 400 पार, चुनाव से पहले ही हुई कांग्रेस की हार।
बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था. हालांकि पार्टी ने अंतिम समय में राजा मंधवानी को मैदान में उतारा था.
बम की तरफ से दाखिल हलफनामे के मुताबिक, वो 14 लाख रुपये की घड़ी पहनते हैं. उनकी कुल संपत्ति 78 करोड़ रुपये है. उनके पास 8 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है.इसके अलावा 47 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. 6 करोड़ रुपये की विरासत भी उनके पास है. उनकी पत्नी और बच्चों के नाम पर करीब 22 करोड़ रुपये की संपत्ति है.