मुमताज़ आलम रिज़वी
नई दिल्ली : विश्व मानव अधिकार दिवस के मौक़ै पर मानव अधिकार के लिए लड़ने और काम करने वाले संगठनों ने आज मंडी हाउस पर धरना दिया और मोदी सरकार को जमकर कोसा। मंडी हाउस पर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, टीएमसी की सांसद सुष्मिता देव , जॉय सेनगुप्ता, प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, प्रोफ़ेसर गौहर रज़ा, समाजी कार्यकर्ता शबनम हाश्मी, योजना आयोग की पूर्व सदस्य और समाजी कार्यकर्ता सैयदा हमीद समेत कई नामवर लोगों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किये। शशि थरूर ने कहा कि हिंदुस्तान में सिर्फ मानव अधिकार की बड़ी बड़ी बात होती है, मुझे ह्यूमन राइट्स के विश्व इदारे में काम करने का मौक़ा मिला है और हमें पता है कि कौन कैसे काम करता है।
भारवासी बोलने में बहुत माहिर हैं लेकिन सरकार और लोग मानव अधिकार के लिए क्या करते हैं हमें पता है। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए मानव अधिकार को इज़्ज़त देनी होगी। इसको आगे बढ़ाना होगा। सरकारों को समझना होगा ख़्वाह वो कोई भी सरकार हो। उन्होंने कहा कि मेरे सपनों का भारत क्या है ? हर किसी को हक़ है कि वह सपना देखे। सपना क्या है कि तीन वक़्त का खाना मिल जाए, सोने के लिए छत मिल जाए, परिवार को स्वास्थ मिल जाए, क्लिनिक हो जाए, ताकि बच्चों और परिवार के लोगों का इलाज हो जाए, रोज़गार मिल जाए, यही तो सपना है। इससे देश भी मज़बूत होगा। सुष्मिता देव ने कहा कि किसानों ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि जनता की ताक़त कितनी बड़ी है। वह अपने हक़ के लिए लड़े और कामयाब हुए।
उन्होंने कहा कि मैं त्रिपुरा पर बोलूंगी जहाँ भाजपा की सरकार है और वह अपोज़िशन को रोक रही है। कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई की मीटिंग होती है भाजपा के गुंडे पहुँच जाते हैं। हमला करते हैं। मतलब हम प्रचार नहीं कर सकते। जब हमें मारा जाता है तो सरकार किसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करती। मेरी गाडी तोड़ी गई, ऊँगली तोड़ दी गई लेकिन किसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की लेकिन ममता दीदी भाजपा को हरायेंगी। भाजपा सरकार पत्रकारों के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई करती है। प्रोफ़ेसर गौहर रज़ा ने कहा कि 2014 से देश का माहौल बदल गया। मानव अधिकार का हनन पहले भी होता रहा है लेकिन इस सरकार में कोई पछतावा नहीं है। कहीं लिंचिंग हो जाये, कोई क़त्ल कर दिया जाए तो सरकार को आज के मीडिया पर उसका कोई असर नहीं नज़र आता। यह बेहिस सरकार है।