सरकार तेल कंपनियों की ओर से लगातार सातवें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है। सरकार पेट्रोल-डीजल पर कोई राहत देने को तैयार नहीं है। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार दूसरे सातवें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। पेट्रोल की दर में 25-26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई, जबकि आज देश के प्रमुख शहरों में डीजल की कीमत में 29-30 पैसे लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा, खुदरा कीमतों में लगभग 11 महीनों में कटौती नहीं हुई है। जिससे आम जनता की जेब पर गहरी मार पड़ी हैं। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इन दोनों शहरों में पेट्रोल की कीमत अपने सर्वोच्च स्तर पर है।
दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। और कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 90 रूपये तक हो गई है, और ऐसा लगता है कि जल्दी ही सेंचुरी लगा लेगा। इस बढ़त से देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 88.99 जबकि मुंबई में 95.46 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है।
वहीं, दिल्ली में डीजल 79.35 रुपये तो मुंबई में डीजल 86.34 रुपये में मिलेगा तो वही पेट्रोल की कीमत 95.46 रुपये हो गई है । मुंबई में डीजल के दाम अपने उच्चतम स्तर पर हैं। सात दिनों के दौरान पेट्रोल के दाम में 2.06 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल में 2.27 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई।
देश की दूसरे देशों की बात करे तो चेन्नई में पेट्रोल 91.19 रुपये और डीजल 84.44 रुपये लीटर है। बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेट्रोल 90.25 रुपये और डीजल 82.94 रुपये लीटर हो गया है।
गुरुग्राम में पेट्रोल की कीमत 87.00 रुपये लीटर हो गया है, वही डीज़ल की कीमत 79.92 रुपये लीटर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 87.64 रुपये लीटर हो गया है, वही डीज़ल की कीमत 79.72 रुपये लीटर है। हैदराबाद में पेट्रोल 92.53 रुपये और डीज़ल 86.55 रुपये है। वही, बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमत 91.97 रुपये हो गए है, वही डीज़ल की कीमत 84.12 रुपये है।
बिहार की राजधानी पटना की बात करे तो पटना में पेट्रोल की कीमत 91.38 रुपये है वही डीज़ल 84.57 रुपये है। वही जयपुर में पेट्रोल की कीमत 95.44 है और डीज़ल की 87.69 है। बता दें कि पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि की वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी है। बेंचमार्क कच्चा तेल 62 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है। वैश्विक बाजारों में तेजी के बाद स्थानीय कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल महंगा कर दिया। इसके साथ राज्यस्तरीय करों को मिला कर ईंधन की खुदरा कीमतें नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी हैं।
पिछले महीने से ईंधन की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जिससे उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की जा रही है। इससे पहले, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि ईंधन की कीमतें कोरोनोवायरस महामारी के कारण तेल उत्पादक देशों में कम उत्पादन के कारण बढ़ गई थीं।
3 फरवरी को एक बैठक में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ने आउटपुट के साथ जाने का फैसला किया। बुधवार को, प्रधान ने पेट्रोल और डीजल की सर्पिल खुदरा कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में किसी भी कटौती से इनकार किया, जो सभी समय के उच्च स्तर को छू गया है।
राज्यसभा में उन्होंने कहा, ” ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं है, जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार कीमतों को घटाने के लिए करों में कटौती कर रही है। कोविद -19 टीकों के वैश्विक रोलआउट के बीच मांग के दृष्टिकोण में सुधार पर अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में पहली बार 61 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की वृद्धि हुई है, क्योंकि उन्होंने कहा था।