अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल हुए 104 भारतीयों की वतन वापसी का मामला संसद में आज गरमाया। इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने लोकसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस सांसद गोगोई ने कहा कि इन व्यक्तियों को निर्वासन प्रक्रिया के दौरान बेड़ियों में जकड़े जाने और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किए जाने की खबरें सामने आई हैं। उन्होंने इसे भारतीय नागरिकों की गरिमा का उल्लंघन बताया।
लोकसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिया। गोगोई ने कहा कि निर्वासन प्रक्रिया के दौरान जिन व्यक्तियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, उससे उनकी मानवीय गरिमा और अधिकारों पर गंभीर सवाल उठते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर भारत सरकार की चुप्पी और प्रधानमंत्री की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया न होना, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जा रहा है।
शशि थरूर ने की सरकार की नीतियों पर कड़ी आलोचना
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “हम इस तरीके से किए गए निर्वासन का विरोध करते हैं। इन लोगों को निर्वासित करने का कानूनी अधिकार तो है, लेकिन उन्हें सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भेजना भारत की गरिमा का अपमान है। यह भारतीय नागरिकों के सम्मान के खिलाफ है।”
विपक्षी नेताओं का संसद परिसर में विरोध
संसद परिसर में विपक्षी नेताओं ने हाथों में हथकड़ियां पहनकर सरकार की नीतियों का विरोध किया। यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि विपक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और इस पर तत्काल ध्यान देने की मांग कर रहा है।
VIDEO | Oppositions MPs protest inside Parliament premises over the deportation of Indian immigrants from the United States.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/SySrjCaq86
— Press Trust of India (@PTI_News) February 6, 2025
अमेरिकी विमान से अमृतसर लौटे भारतीय नागरिक
अमेरिकी सेना का विमान 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर के एयरपोर्ट पहुंचा। इनमें से 33 लोग हरियाणा के हैं, जिनमें से 11 लोग कैथल जिले से हैं। इनमें सात लोग 20 वर्ष से कम उम्र के हैं, और तीन महिलाएं भी शामिल हैं। यह मामला अब संसद में भी उठाया गया है, जहां विपक्ष ने इसे लेकर हंगामा किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर आज दोपहर 2 बजे राज्यसभा में इस मामले पर विस्तृत जवाब देंगे। संसद में इस मुद्दे को लेकर चल रहे हंगामे के बीच जयशंकर का बयान सरकार की स्थिति स्पष्ट कर सकता है।