रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष की बेंच ने परमवीर की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया। हांलाकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि मामला गंभीर है, आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गये।
Supreme Court says that the allegations levelled by former Mumbai Police Commissioner against Maharashtra home minister is very serious and asks senior advocate Mukul Rohatgi appearing for Param Bir Singh why he is not approaching Bombay High Court for seeking CBI probe.
— ANI (@ANI) March 24, 2021
आपको बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि फरवरी 2021 में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पाटिल जैसे अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
वहीं इस याचिका में दावा किया गया कि देशमुख ने उन्हें हर महीने ₹100 वसूली का लक्ष्य दिया था। परमवीर ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार गृह मंत्रालय और सीबीआई को प्रतिवादी बनाते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं आगे कहा गया है कि पुलिस कमिश्नर से किए गए उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने की अपील की है।
Supreme Court refuses to entertain the plea of former Mumbai Police chief Param Bir Singh seeking CBI investigation in the alleged corrupt malpractices of Anil Deshmukh, Home Minister of Government of Maharashtra and asks him to approach the High Court.
— ANI (@ANI) March 24, 2021
परमवीर सिंह याचिका के माध्यम से चाहते थे कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई से तत्काल निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सबूत नष्ट होने से तुरंत पहले तत्काल सीबीआई जांच करवानी चाहिए। परमवीर सिंह ने देशमुख के आवास के सीसीटीवी फुटेज को तुरंत कब्जे में लेने का निर्देश देने की अपील की थी। इसके साथ ही अपने तबादले के आदेश को भी रद्द करने की गुहार लगाई। परमवीर का कहना था कि यह ‘अवैध और मनमाना’ है।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला उस वक्त उठा जब पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को ATS ने मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी बनाया। सचिन वाजे के फंसने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर को पद हटा दिया था। परमवीर सिंह का तबादला करते हुए उनको होमगार्ड विभाग का डीजी बनाया गय़ा था।
इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है, उठा-पटक के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। जबकि बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे। इस पूरे मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार अनिल देशमुख का बचाव करते नजर आये।
बुधवार को ही सहयाद्री होटल में महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में देशमुख का मुद्दा भी उठ सकता है।