पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहला मंदिर बनाए जाने की बात पर पाकिस्तान बेनकाब हो गया है। दुनिया भर में मुस्लिमों की हालत पर रोने वाले पाकिस्तान में हिन्दुओ की ये हालत है कि उनके पास एक मंदिर तक नहीं है।
इमरान खान ने मंदिर की घोषणा कर अच्छा बनने की कोशिश की थी लेकिन धार्मिक उग्रता छिपाये नहीं छिपती है। अब मंदिर के खिलाफ फतवा जारी हो गया है।
संस्थान जामिया अशर्फिया ने मंगलवार को कहा- मंदिर निर्माण इस्लाम के खिलाफ है। इस संस्थान ने मंदिर बनाने के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया।
मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा- अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्थलों की मरम्मत पर सरकारी धन खर्च करने की अनुमति है, लेकिन गैर-मुस्लिमों के लिए मंदिर या नए धार्मिक स्थल बनाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
आपको बता दे इस्लामाबाद में जहां आज़ादी के समय लाखों हिंन्दू थे वहां सिर्फ 3000 हिन्दू बचे है। और उनके पास प्रार्थना करने के लिए एक मंदिर भी नहीं है।