कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कारोबारी घरानों के बैंक खोलने की सिफारिश को लेकर राहुल गांधी ने तंज कसा है। इसको लेकर कांग्रेस नेता ने क्रोनोलॉजी समझाते हुए कहा कि पहले बड़ी कंपनियों का कर्ज माफी होगा, फिर उन कंपनियों को बड़े कर छूट मिलेंगे और अब इन कंपनियों के द्वारा बनाए गए बैंक में लोगों की सेविंग दे देना।
राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, ‘क्रोनोलॉजी समझिए- सबसे पहले, कुछ बड़ी कंपनियों के लिए कर्ज माफी। फिर कंपनियों के लिए भारी कर कटौती। अब, उन्हीं कंपनियों द्वारा स्थापित बैंकों को सीधे लोगों की बचत दें। #SuitBootkiSarkar’
Chronology samajhiye:
First, karz maafi for few big companies.
Next, huge tax cuts for companies.
Now, give people's savings directly to banks set up by these same companies. #SuitBootkiSarkar pic.twitter.com/DjK2mya4EZ— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 24, 2020
आप को बता दें कि पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बनाए गए एक एक आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) ने कई सुझाव दिए थे। इन सुझावों में यह सिफारिश भी शामिल है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में आवश्यक संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया जा सकता है।
इस सिफारिश का विरोध रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी किया है। इन दोनों पूर्व अधिकारियों ने साथ में एक लेख लिखा है, जिसे लिंक्डइन पर पोस्ट किया गया था।
इस लेख में इन्होंने कहा है कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की मंजूरी देने की सिफारिश आज के हालात में चौंकाने वाली है। दोनों का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र में कारोबारी घरानों की संलिप्तता के बारे में अभी आजमायी गयी सीमाओं पर टिके रहना अधिक महत्वपूर्ण है।