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अब मध्य प्रदेश में जांच के लिए सीबीआई को एमपी सरकार की लेनी होगी अनुमति

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार से अनुमति की आवश्यकता होगी। 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी यह नया विनियमन, यह अनिवार्य करता है कि सीबीआई किसी भी जांच को आगे बढ़ाने से पहले राज्य सरकार से लिखित सहमति प्राप्त करे।

By: Rekha 
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अब मध्य प्रदेश में जांच के लिए सीबीआई को एमपी सरकार की लेनी होगी अनुमति

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार से अनुमति की आवश्यकता होगी। 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी यह नया विनियमन, यह अनिवार्य करता है कि सीबीआई किसी भी जांच को आगे बढ़ाने से पहले राज्य सरकार से लिखित सहमति प्राप्त करे।

नए आदेश के मुख्य बिंदु
राज्य की अनुमति आवश्यक: 1 जुलाई, 2024 तक, सीबीआई को राज्य के भीतर कोई भी जांच शुरू करने से पहले मध्य प्रदेश सरकार से लिखित अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
यह नियम निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों दोनों से जुड़ी जांच पर लागू होता है। यह आदेश दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 की धारा 3 के तहत लागू किया गया है, जो सीबीआई के अधिकार क्षेत्र और शक्तियों को रेखांकित करता है।

अन्य राज्यों के साथ संगति, सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह के नियम पहले से ही लागू हैं। यह कदम मध्य प्रदेश को सीबीआई जांच के लिए राज्य-स्तरीय सहमति की आवश्यकता में पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के साथ जोड़ता है।

आधिकारिक संचार, सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर इस अधिसूचना को जारी करने का अनुरोध किया था। यह निर्देश दिल्ली एसपीई अधिनियम, विशेष रूप से धारा 6 द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करता है, जो केंद्रीय एजेंसियों को राज्य की सहमति के बिना संचालन से प्रतिबंधित करता है।

प्रभाव एवं कार्यान्वयन
कोई नया प्रतिबंध नहीं: एक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह विनियमन नए प्रतिबंध नहीं लगाता है बल्कि मौजूदा प्रोटोकॉल को मजबूत करता है।
मामलों के लिए लिखित सहमति, किसी भी मामले के लिए जिसे राज्य सरकार सीबीआई को सौंपना चाहती है, एक लिखित अधिसूचना और सहमति आवश्यक है।

यह परिवर्तन मध्य प्रदेश के भीतर सीबीआई की जांच प्रक्रियाओं में राज्य की मंजूरी के महत्व को रेखांकित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि स्थानीय सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़ी आपराधिक जांच में राज्य की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है

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