रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: साल 1985 बैच के IPS अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को भारत सरकार ने नई जिम्मेदारी सौंपी है। जायसवाल को भारत सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की कमान सौंपी है। 2 साल तक जायसवाल इस पद पर अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के DGP रह चुके हैं। जायसवाल को पुलिस सर्कल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का करीबी माना जाता है। ‘द वीक’ की रिपोर्ट के मुताबिक जब उन्हें महाराष्ट्र से डेप्युटेशन पर केंद्र में लाया गया तब से ही पुलिस सर्कल में कयास लगने लगे थे कि उन्हें किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार किया जा रहा है।
‘द वीक’ की ही एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है जायसवाल को पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी जानी थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक वह राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस को लेकर राजनीतिक घमासान की वजह से इस पद के इच्छुक नहीं थे। जिसके बाद उन्हें CISF के प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई थी।
साल 2018 में जायसवाल को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। इसके बाद वह डीजीपी बने। कुछ महीने पहले उन्हें सेन्ट्रल डेप्युटेशन पर लाया गया। माना जाता है कि इसमें भी एनएसए डोभाल की अहम भूमिका थी। एक रिपोर्ट की मानें तो, महाराष्ट्र के DGP रहते जायसवाल सूबे के नए राजनीतिक नेतृत्व के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे थे लिहाजा शिद्दत से सेंट्रल डेप्युटेशन खोज रहे थे।
आपको बता दें कि जायसवाल एक दशक तक देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड ऐनालिसिस विंग (R&AW) में काम कर चुके हैं। मंगलवार को उन्हें CBI डायरेक्टर नियुक्त किया गया। यह फैसला तब किया गया। जायसवाल की नीयुक्ति के लिए CJI एनवी रमन और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीबीआई चीफ के लिए उन 3 नामों पर सहमति जताई, जिनमें जायसवाल भी एक थे। जायसवाल के अलावा 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर केआर चंद्रा और 1986 बैच के आईपीएस ऑफिसर वीएसके कौमुदी शामिल थे। इन तीन अफसरों की शॉर्टलिस्टिंग का मतलब था कि इनमें से किसी एक के नाम पर प्रधानमंत्री मुहर लगा सकते हैं।
आपको बाता दें कि CBI निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला का दो साल का कार्यकाल तीन फरवरी को पूरा हो गया था, तब से एजेंसी बिना नियमित प्रमुख के काम कर रही थी।