यस बैंक पर लगी पाबंदी पूनर्गणन योजना के लागू होने के बाद 18 मार्च की शाम छह बजे से हटा ली जाएगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को देर राज इसकी अधिसूचना जारी की है। वहीं, सरकार ने वर्तमान में प्रशासक प्रशांत कुमार को प्रबंध निदेशक, सीईओ नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही शुक्रवार को अपने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के पुनर्गठन से जुड़ी योजना के बारे जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने कहा कि, एसबीआई ने यस बैंक में 49 फीसदी तक का निवेश किया है। इसके साथ ही अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, एसबीआई के करीब 26 फीसदी निवेश की लॉक-इन अवधि तीन साल होगी। जबकि दूसरे निवेशकों के 75 फीसदी निवेश राशि की लॉक-इन अवधि तीन वर्ष होगी।
इसके आगे वित्त मंत्री ने कहा कि, पूंजीगत आवश्यकताओं को तत्काल और बाद में बढ़ाने के लिए अधिकृत पूंजी को 1100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यस बैंक के पुनर्गणन की योजना को अधिसूचित करने के 3 दिनों के भीतर मौजूदा पाबंदियां बटा दी जाएगी। एक नया बोर्ड बनेगा जिसमें एसबीआई के कम से कम दो निदेशक होंगे, जो अधिसूचना जारी होने के 7 दिनों के भीतर कार्यभार संभाल लेंगे।
वहीं, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, कोटक और एक्सिस बैंक भी संकट में फंसे यस बैंक में कुल 3,100 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। चारों निजी बैंकों ने शुक्रवार को यह एलान करते हुए कहा कि यह बैंक की हिस्सेदारी खरीदकर यह निवेश किया जाएगा।