नई दिल्ली : सभी गैर जरूरी और नॉन-इमरजेंसी वाहनों के लिए मुंबई पुलिस ने बीते कुछ हफ्तों पहले यानी कोरोना महामारी को लेकर लगे पहले कर्फ्यू के दौरान इमरजेंसी स्टिकर कैटिगराइजेशन के नियम को लागू किया था। जिसके तहत, डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, एम्बुलेंस और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में लगे वाहनों के लिए लाल स्टिकर का इस्तेमाल करना होता था। जबकि फूड, सब्जियां, फल, किराने का सामान, डेयरी उत्पाद आदि के परिवहन में लगे वाहन हरे रंग के स्टिकर का उपयोग करते थे। इन दोनों कैटेगरी के अलावा अन्य आवश्यक कैटेगरी में आने वाले कर्मचारियों, जैसे कि नगरपालिका के अधिकारी, बिजली विभाग के कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, वकील, प्रेस और टेलीफोन विभाग को अपने वाहनों पर येलो कलर के स्टिकर लगाने के लिए कहा गया था।
इसे लेकर मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से पहले इस तरह के स्टिकर लगाने का आग्रह किया था। पुलिस ने कुछ विशेष जंक्शनों पर ऐसे स्टिकर वितरित भी किए थे। लेकिन कलर- कोडेड स्टिकर स्कीम ने मुंबईकरों के बीच कुछ कंफ्यूजन पैदा कर दिया कि किस श्रेणी के लोगों के लिए किस स्टिकर का उपयोग किया जाए। जबकि मुंबई पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्टिकर के रंग के बारे में लोगों को गाइड किया था।
Maharashtra | Mumbai Police discontinues the colour-coded sticker system for vehicles pic.twitter.com/wEIv254vhN
— ANI (@ANI) April 24, 2021
अब इस स्टीकर को लेकर लगातार बढ़ते कंफ्यूजन के बीच मुंबई पुलिस ने अपना ये नियम वापस ले लिया है। लेकिन वाहनों की जांच जारी रहेगी। सभी गैर-जरूरी और नॉन-इमरजेंसी वाहनों की आवाजाही के नियम पहले की तरह लागू रहेंगे। आपको बता दें कि मुंबई पुलिस ने पहले कर्फ्यू के दौरान निजी कारों की आवाजाही की अनुमति देने के लिए तीन कलर कोडेड स्टिकर के नियम को जारी किया था।
मुंबई में शुक्रवार को सात हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए
आपको बता दें कि मुंबई में शुक्रवार को कोविड -19 संक्रमण के नए मामलों की संख्या सात हजार के लगभग रही। शुक्रवार को शहर में 7,199 नए मामले सामने आए और 72 लोगों की मौत हुई। इससे संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 6,16,279 और मौतों की आंकड़ा 12,655 पर पहुंच गया।