मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को टेरर फंडिंग मामले में पाकिस्तान की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत ने हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 11 दिसंबर को आरोप तय किए थे।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैबया के संस्थापक और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित कर दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। भारत द्वारा उसके खिलाफ आतंकी मामलों की डोजियर के बावजूद उसे पाकिस्तान में खुलेआम घूमने और भारत विरोधी रैलियों को प्रभावशाली तरीके से संबोधित करने की अनुमति दी गई थी।
हाफिज के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के कुल 29 मामले दर्ज हैं। हाफिज पर यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान पर FATF की काली सूची में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, भारत के लिए यह एक बड़ी जीत है जो पिछले 11 सालों से ज्यादा वक्त से हाफिज को कानून के कठघरे में खड़ा करने की लड़ाई लड़ रहा है। वहीं, पाकिस्तान को यह भी डर है कि अगर उसे FATF की काली सूची में शामिल किया जाता है तो उसकी डूब रही अर्थव्यवस्था को उबारना और भी मुश्किल हो जाएगा।