मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की करारी हार के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। चर्चा है कि दिग्विजय सिंह राजनीति से संन्यास ले सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा और मध्य प्रदेश में उसे क्लीन स्वीप झेलना पड़ा। पार्टी अपने पारंपरिक गढ़ छिंदवाड़ा सहित एक भी सीट सुरक्षित नहीं कर सकी। राजगढ़ से चुनाव लड़ने वाले दिग्विजय सिंह उन दिग्गजों में से थे जिन्हें कांग्रेस ने नई रणनीति के तहत मैदान में उतारा था जो अंततः विफल रही। उनकी हार के बाद राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
दिग्विजय सिंह की चुनाव हार
दिग्विजय सिंह ने पूरे आत्मविश्वास के साथ राजगढ़ से जीत का दावा किया था, लेकिन वह बड़े अंतर से हार गए। प्रचार के दौरान मतदाताओं से जुड़ने के लिए भावनात्मक कार्ड खेलते हुए उन्होंने बार-बार कहा कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा। अब जब नतीजे आ गए हैं और वह हार गए हैं तो उनकी भविष्य की योजनाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या संन्यास लेंगे दिग्विजय सिंह?
लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद, दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद बने हुए हैं और उनके कार्यकाल में कुछ समय बचा है। मुख्य सवाल यह है कि क्या वह अपना राज्यसभा कार्यकाल पूरा करेंगे या चुनाव से सेवानिवृत्त होने के अपने पूर्व बयानों को देखते हुए, जल्दी इस्तीफा देने का विकल्प चुनेंगे।
उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें
दिग्विजय सिंह के लगातार इस दावे ने कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा, सेवानिवृत्ति की अफवाहों को हवा दे दी है। हालाँकि, कांग्रेस पार्टी के भीतर उनके लंबे समय के प्रभाव और गहरे संबंधों को देखते हुए, यह देखना बाकी है कि क्या वह पूरी तरह से राजनीति से दूर हो जाएंगे। राजगढ़ ऐतिहासिक रूप से उनका गढ़ रहा है, जिससे उनकी हार विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गई है।
राजगढ़ में हार के बाद राजनीति में दिग्विजय सिंह का भविष्य अनिश्चित है। आने वाले महीनों में इस बात पर अधिक स्पष्टता आने की संभावना है कि क्या दिग्विजय सिंह राजनीति से संन्यास लेंगे या मध्य प्रदेश कांग्रेस में भूमिका निभाते रहेंगे।