केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहरी भूमि अभिलेखों के पुनःसर्वेक्षण में आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सटीक और प्रमाणिक भूमि रिकॉर्ड विकास और योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए आवश्यक हैं। शिवराज ने यह भी बताया कि पारदर्शिता लाने और संपत्ति विवादों को कम करने के लिए 2016 में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण प्रोग्राम शुरू किया गया था।
प्रामाणिक भूमि रिकॉर्ड की आवश्यकता
शहरी विकास के लिए सही लैंड रिकॉर्ड्स अनिवार्य हैं ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
यह कदम राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता लाने और संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने में भी मदद करेगा।
महत्वपूर्ण प्रगति
6.26 लाख भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और 223 लाख मानचित्रों का डिजिटलीकरण हुआ है।
5000+ सब रजिस्ट्रार कार्यालयों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 11.52 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
आधुनिक भूमि प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन
शिवराज ने कहा कि राज्य सरकारों को भूमि प्रबंधन और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस साल के बजट में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इससे भूमि उपयोग, शहरी नियोजन और संपत्ति कर प्रशासन में सुधार होगा।
PM-Gati Shakti के साथ भूमि सर्वेक्षण का समन्वय
PM-Gati Shakti मास्टर प्लान के तहत भूमि कर मानचित्रों का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बेहतर नियोजन में हो रहा है।
मध्य प्रदेश में 34 शहरों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य पूरा हो चुका है।
डिजिटल एरियल सर्वेक्षण से लाभ
भूमि सर्वेक्षण के लिए ड्रोन और 3D इमेजरी का उपयोग बाढ़ प्रबंधन और जल निकासी प्रणाली में सुधार के लिए किया जा रहा है।
130 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आधुनिक लैंड सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा।
वैश्विक विशेषज्ञों से सीखने पर जोर
शिवराज सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य अन्य देशों के विशेषज्ञों के अनुभवों से सीखना है ताकि आधुनिक तकनीकों के उपयोग से भारत में भूमि प्रबंधन और शहरी विकास को बेहतर बनाया जा सके।
शिवराज ने राज्यों से आह्वान किया कि वे इस दिशा में सक्रिय भागीदारी करें ताकि संपत्ति कर प्रणाली को सशक्त बनाते हुए ईज़ ऑफ लिविंग को बढ़ावा दिया जा सके। सरकार की योजना है कि अगले पांच वर्षों में देशभर में भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण पूर्ण हो।