मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने MSME सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक स्किल्स बैंक बनाने की योजना का ऐलान किया। इस स्किल्स बैंक से उद्योगों को प्रशिक्षित और कुशल वर्कर फोर्स मिल सकेगी, जिससे MSME सेक्टर को फायदा होगा।
डॉ. यादव ने MSME विभाग की बैठक में कहा कि उद्यमियों को आवश्यक अनुमतियां जल्दी प्रदान की जाएं और साप्ताहिक रूप से समीक्षा बैठक आयोजित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने ग्वालियर और उज्जैन के व्यापार मेलों की सफलता को देखते हुए अन्य शहरों में भी इसी तरह के आयोजन कराने की योजना बनाई है।
MSME सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
स्किल्स बैंक: सभी ट्रेड्स के हुनरमंद और प्रशिक्षित वर्कर्स को शामिल कर उद्योगों के लिए वर्कर फोर्स की समस्या को हल किया जाएगा।
उद्योगों की समस्याओं का त्वरित समाधान: मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के उदाहरण से सीखते हुए, मुख्यमंत्री ने उद्योगों की समस्याओं को जल्दी हल करने के निर्देश दिए।
व्यापार मेलों का विस्तार: ग्वालियर और उज्जैन व्यापार मेलों की सफलता के बाद, अन्य शहरों में भी व्यापार मेलों का आयोजन किया जाएगा।
रोजगार और निवेश के अवसर
अब तक हुए कॉन्क्लेव में MSME और बड़े उद्योगों से हज़ारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं।
ग्वालियर और उज्जैन व्यापार मेलों से ही 4,500 करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ।
स्टार्टअप्स को भी मिलेगा बढ़ावा
मध्य प्रदेश में 4,500 से अधिक स्टार्टअप्स और 70 इनक्यूबेटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 2,168 स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं। इस तरह की योजनाओं से न केवल राज्य में निवेश बढ़ेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।