मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ कर प्रदेश में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और आसान और सुरक्षित बना दिया है। इस सॉफ्टवेयर के लॉन्च के मौके पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि अब नागरिकों को पंजीयन ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में फ्रॉड पर भी रोक लगेगी। इसके साथ ही सभी विभागों को आधार से जोड़ा जाएगा ताकि प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके।
डिजिटल क्रांति का कदम: संपदा 2.0
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान सीएम डॉ. मोहन ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर प्रदेश के चार जिलों डिंडोरी, हरदा, रतलाम, और गुना में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक लागू किया गया था और अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जो इस तरह की डिजिटल टेक्नोलॉजी को पंजीयन प्रक्रिया में पूरी तरह से लागू कर रहा है।
संपदा 2.0 की विशेषताएं
पंजीयन ऑफिस जाने की जरूरत नहीं: अब नागरिक खुद ही अपनी स्टाम्प ऑनलाइन जारी कर सकते हैं। इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
फ्रॉड की रोकथाम: इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से रजिस्ट्री प्रक्रिया में धोखाधड़ी को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग किया जा रहा है। आधार से जुड़े दस्तावेजों की डिजिटल सत्यापन प्रणाली लागू की गई है।
डिजिटल दस्तावेज़: संपदा 2.0 के जरिए सभी रजिस्ट्री दस्तावेज़ सीधे डिजिलॉकर में उपलब्ध होंगे, जिससे उन्हें कहीं भी और कभी भी आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।
आधार से जुड़ाव: सभी विभागों को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिससे किसी भी प्रकार की जानकारी और सत्यापन की प्रक्रिया त्वरित और सुरक्षित हो सके।
उप मुख्यमंत्री ने कहा टेक्नोलॉजी का भविष्य
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में यह विभाग टेक्नोलॉजी को और भी बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। संपदा 2.0 के जरिए नागरिकों को पंजीयन में पारदर्शिता, सरलता, और सुरक्षा का अनुभव मिलेगा, जिससे राज्य में डिजिटल इंडिया के सपने को और मजबूती मिलेगी।
इस पहल के साथ मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जो भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।