राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन के साथ अपने दौरे की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने स्वच्छता मित्रों का सम्मान किया और इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन रोड का भूमिपूजन किया। उन्होंने स्वच्छता मित्रों की सराहना करते हुए कहा, “मैं आप सभी को देशवासियों की ओर से धन्यवाद देती हूं। आपकी कड़ी मेहनत के कारण स्वच्छता अभियान व्यापक रूप से सफल हो पाया है।”
राष्ट्रपति ने महाकाल की धरती को नमन करते हुए कहा, “यहां सदियों से संस्कृति की परंपरा जीवित है, और मैं इस ऐतिहासिक स्थल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करती हूं।” इसके साथ ही, राष्ट्रपति ने इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन रोड निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सड़क न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
स्वच्छता मित्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर घोषणा की कि राज्य में स्वच्छता कर्मचारियों को उनके शहर की स्वच्छता रेटिंग के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उदाहरण के लिए, जिन शहरों की रेटिंग एक होगी, वहां के सफाईकर्मियों को 1000 रुपये मिलेंगे, जबकि उज्जैन की रेटिंग तीन होने के कारण यहां के सफाईकर्मियों को 3000 रुपये दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति का महाकालेश्वर मंदिर दौरा और श्रमदान
राष्ट्रपति मुर्मु ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद श्रमदान भी किया। उन्होंने मंदिर के परिसर में स्वच्छता अभियान में भाग लिया और महाकाल महालोक में मूर्तियां बना रहे ओडिशा के शिल्पकारों से संवाद किया। राष्ट्रपति का यह दौरा स्वच्छता और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश देता है।
उज्जैन का विशेष आकर्षण
द्रौपदी मुर्मु, उज्जैन का दौरा करने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले रामनाथ कोविंद, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, और कई अन्य राष्ट्रपति भी महाकालेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन आ चुके हैं। उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की ख्याति वर्षों से राष्ट्रपतियों को इस पवित्र नगरी की ओर आकर्षित करती रही है। पिछली बार पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 मई 2022 को उज्जैन आए थे।