लाड़ली बहना योजना पर छिड़ी सियासत के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत के आरोपों का कड़ा पलटवार किया है। राउत ने दावा किया था कि यह योजना जल्द ही बंद हो जाएगी, जिसका सीएम ने सख्ती से खंडन किया और इसे भ्रम फैलाने की साजिश बताया।
संजय राउत ने क्या कहा?
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह योजना देश के किसी भी हिस्से में सफल नहीं हो पाई है। उन्होंने दावा किया कि योजना के चलते अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और अगले महीने से इसे बंद कर दिया जाएगा। राउत ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि इस योजना को अब आगे नहीं चलाया जा सकता।
सीएम डॉ. मोहन यादव का पलटवार
राउत के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “लाड़ली बहना योजना पूरी तरह से सक्रिय है और हर महीने निश्चित समय पर महिलाओं के खातों में पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। कोई भी ऐसा महीना नहीं गया है, जिसमें इस योजना की राशि न भेजी गई हो।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने हाल ही में रानी दुर्गावती की जयंती के अवसर पर राज्य की बहनों के खातों में एक साथ 5,000 रुपये जमा किए। राउत और उनके सहयोगी लोग महाराष्ट्र में चुनावी हार के डर से झूठ फैला रहे हैं। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि ऐसे दावों पर विश्वास न करें। यह योजना नारी सशक्तिकरण के लिए है और इसे बंद करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
संजय राउत जरा मध्यप्रदेश आकर देखें…
जब से लाड़ली बहना योजना प्रारंभ हुई है, तब से लगातार हर महीने प्रदेश की 1.29 करोड़ बहनों के खातों में सम्मान की यह राशि भेजी जा रही है।
महाराष्ट्र चुनाव में हार के भय से उद्धव की पार्टी बहनों को बरगलाना चाहती है, बहनें ही इस चुनाव में इसका… https://t.co/PA8uSOsdJ9 pic.twitter.com/599Y9UAEbJ
— Ashish Usha Agarwal आशीष ऊषा अग्रवाल (@Ashish_HG) October 9, 2024
लाड़ली बहना योजना का महत्व
साल 2023 में मध्य प्रदेश सरकार ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की, जिसके तहत हर महीने महिलाओं के खातों में 1,250 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने भी इस योजना को अपने राज्य में लागू करने की घोषणा की है।
योजना का भविष्य
सीएम मोहन यादव ने जोर देकर कहा कि यह योजना राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए है और इसे बंद करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि यह योजना महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और उनके सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”