मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए लिए गए निर्णयों और निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है।
समिति के सदस्य
इस समिति में शामिल सदस्य निम्नलिखित हैं।
अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास
प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास
प्रमुख सचिव, वन एवं राजस्व विभाग
प्रमुख सचिव, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी को इस समिति का सचिव नियुक्त किया गया है।
नर्मदा का महत्व
मुख्यमंत्री ने नर्मदा को प्रदेश की श्रद्धा और सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि उपभोक्ता आधारित जीवनशैली से प्रकृति को जो नुकसान हुआ है, उससे नदियों को बचाना जरूरी है। नर्मदा नदी की लंबाई 1079 किलोमीटर है और इसके किनारे 21 जिले, 68 तहसीलें, 1138 ग्राम और 1126 घाट स्थित हैं। इसके अलावा, नदी किनारे 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ भी विद्यमान हैं।
राज्य सरकार द्वारा मां नर्मदा के समग्र विकास का संकल्प लिया गया है, जिसके तहत नई समिति निरंतर गतिविधियों की निगरानी करेगी और नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए काम करेगी।