भोपाल में आज से दो दिवसीय मध्य प्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 का शुभारंभ हो रहा है। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। कॉन्क्लेव में देशभर से माइनिंग सेक्टर के निवेशक और अन्य राज्यों के खनिज विभाग के अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खनन उद्योगपतियों से सीधी चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव राज्य को खनन के क्षेत्र में नए आयाम प्रदान करेगा और यह प्रधानमंत्री ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने में सहायक होगा।
मध्य प्रदेश: खनिज संसाधनों का प्रमुख केंद्र
मध्य प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है और अन्य खनिजों जैसे मैग्नीज, तांबा अयस्क, चूना पत्थर, और कोयला के उत्पादन में अग्रणी है। राज्य सरकार इस कॉन्क्लेव के माध्यम से खनन उद्योग में निवेशकों को आकर्षित कर रही है, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
600 से अधिक निवेशकों की भागीदारी
इस कॉन्क्लेव में 600 से अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं, जिसमें केंद्रीय खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी, राज्य मंत्री एससी दुबे और केंद्रीय खान मंत्रालय के सचिव वीएल कांता राव शामिल होंगे। साथ ही एनसीएल, एचसीएल, एनएमडीसी, ओएनजीसी, और जीएआईएल जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य राज्यों के उद्योगपति भी इस आयोजन का हिस्सा होंगे।
खनिज संसाधनों और नई तकनीकों पर होगी चर्चा
मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन कार्यक्रम की शुरुआत में प्रदेश के खनिज संसाधनों और निवेश के अवसरों पर जानकारी देंगे। इस कॉन्क्लेव में खनन में ड्रोन तकनीक और डिजिटल संसाधनों के उपयोग पर विशेषज्ञों के साथ चर्चाएं होंगी। इसके अलावा, कोयला, ऊर्जा, सीमेंट उद्योग, और पेट्रोलियम क्षेत्र की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।
आर्थिक विकास और रोजगार में वृद्धि की संभावनाएं
मुख्यमंत्री मोहन यादव का मानना है कि इस कॉन्क्लेव से मध्य प्रदेश को खनन की राजधानी बनाने के प्रयास को बल मिलेगा और राज्य को आर्थिक विकास के नए रास्तों पर ले जाएगा। इस पहल से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।