मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में जल्द ही मलखंभ अकादमी खोलने की घोषणा की है, जिससे खेलों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, उन्होंने जिम्नास्टिक की सुविधाएं भी शीघ्र उपलब्ध कराने का वादा किया है। सीएम ने शहर के सभी 15 अखाड़ों को दो-दो लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। यह पहल युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है।
मुख्यमंत्री गुरुवार रात को उज्जैन आए थे और उन्होंने क्षीरसागर स्टेडियम में श्री सांवरिया ग्रुप द्वारा आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने कहा कि उज्जैन को जल्द ही जिम्नास्टिक और मलखंभ जैसी खेल सुविधाएं मिलेंगी, जिससे शहर के खेलप्रेमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, उन्होंने उज्जैन के विभिन्न दुर्गा पंडालों का भी दौरा किया।
गुड़ी पड़वा बनेगा ‘सृष्टि आरंभ दिवस’
मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष गुड़ी पड़वा को पूरे प्रदेश में ‘सृष्टि आरंभ दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया है। विक्रमोत्सव की तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, जिससे महाशिवरात्रि से लेकर गुड़ी पड़वा तक यह पर्व धूमधाम से मनाया जा सके। इस उत्सव में विज्ञान और खगोल से जुड़े विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव के दौरान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को विक्रमादित्य पर केंद्रित करने और उनकी कविताओं को लेखबद्ध करने पर जोर दिया है। भोपाल में आयोजित बैठक में यह घोषणा की गई कि इस बार विक्रमोत्सव का आयोजन दो चरणों में होगा।
मंदिरों में प्रभु शृंगार प्रतियोगिता और अन्य कार्यक्रम
विक्रमोत्सव के पहले चरण में महाकाल शिवज्योति अर्पणम, विक्रम व्यापार मेला, मंदिरों में प्रभु शृंगार प्रतियोगिता, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, पौराणिक फिल्मों का महोत्सव, और अंतर्राष्ट्रीय इतिहास समागम जैसे कई बड़े आयोजन किए जाएंगे। इसके साथ ही विद्यार्थियों और अतिथियों को महाकाल देवदर्शन के माध्यम से उज्जैन की सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक धरोहर से अवगत कराया जाएगा।
दूसरे चरण में 30 मार्च से 30 जून तक प्रदेशभर में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जाएगा, जिसमें नदियों और जल संरचनाओं के संरक्षण-संवर्धन पर कार्य किया जाएगा। इस अभियान का समापन गंगा दशहरा के अवसर पर सांस्कृतिक आयोजन के साथ होगा।
कालिदास समारोह में होगा खर्च में कटौती
मुख्यमंत्री ने कालिदास समारोह का खर्च घटाने के लिए कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में स्थायी डोम बनाने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि हर वर्ष अस्थायी डोम बनाने पर खर्च होने वाली राशि को बचाया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने कालिदास समारोह की ब्रांडिंग और पब्लिसिटी पर विशेष ध्यान देने को कहा है।