भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में ‘जलवायु परिवर्तन हेतु वैश्विक प्रयास – भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान’ विषय पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश जलवायु परामर्श के लिए होने वाले पहले राज्य-स्तरीय प्री-कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) में एक अग्रणी भूमिका निभाएगा।
सीएम ने अपने संबोधन में प्रकृति के प्रति हमारे गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “प्रकृति से हम सनातन से जुड़े हुए हैं, और हमारे रोम-रोम में प्रकृति बसी हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य संतुलन बनाए रखना है।” उन्होंने पर्यावरण और राजनीतिक संतुलन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एक देश में एक ही चुनाव होना चाहिए।
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि हमें अपनी जीवनशैली में पर्यावरण की सुरक्षा को शामिल करना होगा। “हम प्रगति और प्रकृति के बीच तालमेल रखते हुए विकास कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की पहल की प्रशंसा करते हुए सीएम ने इजरायल को एक आदर्श उदाहरण बताया, जो तकनीक और सामर्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने खनन के नियमों पर भी बात की, यह स्पष्ट करते हुए कि यह निश्चित नियमों के तहत ही किया जाएगा। इस प्रकार, मध्यप्रदेश जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर न केवल जागरूकता फैला रहा है, बल्कि प्रभावी उपाय भी कर रहा है, जिससे राज्य का विकास और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों संभव हो सके।