मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक नई और अभिनव योजना शुरू की है, जिसे ‘गोबर से समृद्धि योजना’ नाम दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को गोबर गैस, स्लरी और साइलेज बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से दूध व्यवसाय के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए बनाई गई है।
गोबर गैस, स्लरी और साइलेज से किसानों की कमाई में होगी वृद्धि
गोबर गैस से अतिरिक्त कमाई
इस योजना के तहत, किसान गोबर गैस प्लांट के माध्यम से हर महीने डेढ़ सिलेंडर गैस उत्पन्न करेंगे। प्रत्येक सिलेंडर की कीमत लगभग 800 रुपये होगी, जिससे किसानों को 1200 रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इसके अलावा, यह गैस किसान अपने पड़ोसियों को भी बेच सकते हैं, जिससे और भी आय में वृद्धि हो सकती है।
स्लरी से अतिरिक्त आय
गोबर गैस प्लांट से निकली स्लरी को एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) द्वारा खरीदी जाएगी। किसान इस स्लरी को 75 पैसे से लेकर 1 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेच सकते हैं। इस प्रक्रिया से किसानों को प्रति लीटर दूध पर अतिरिक्त 10 रुपये की आमदनी हो सकती है, जिससे उनकी कमाई में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।
साइलेज से लागत में कमी
इस योजना में किसानों को साइलेज चारा प्रदान किया जाएगा, जो उनके पशुओं के आहार का खर्च कम करेगा। पारंपरिक चारे की तुलना में साइलेज चारा 3 रुपये प्रति लीटर की लागत पर उपलब्ध होगा, जबकि सामान्य चारा 12 रुपये प्रति लीटर का होता है। इस प्रकार, किसानों को चारे पर बड़ी बचत होगी।
लिक्विड खाद से अधिक लाभ
बैतूल जिले में बनाए गए क्लस्टर में हर दिन 10 टन स्लरी का उत्पादन होगा, जिससे 60 टन फास्फेट रिच ऑर्गेनिक खाद और 9,000 लीटर पोषक तत्वों से भरपूर लिक्विड खाद तैयार होगी। इस खाद से एफपीओ को हर महीने 1 लाख रुपये की आमदनी होगी, जो किसानों को बोनस के रूप में मिलेगा।
कैसे काम करेगा पायलट प्रोजेक्ट?
मध्य प्रदेश सरकार ने बैतूल जिले को इस योजना के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है। 100 किसानों को इस योजना के तहत गोबर गैस प्लांट लगाया जाएगा, जिससे उन्हें गैस, स्लरी और साइलेज से आय प्राप्त होगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक लाभ पहुंचाना और उनके आर्थिक स्तर को बेहतर बनाना है।
गोबर से समृद्धि योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
किसानों को गोबर गैस और स्लरी बेचकर अतिरिक्त आय मिलेगी।
स्लरी और साइलेज से दूध उत्पादन की लागत कम होगी।
किसानों को एफपीओ के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली खाद और चारा सस्ते में उपलब्ध होगा।
इस योजना के जरिए किसानों को बोनस के रूप में अतिरिक्त पैसा मिलेगा, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो सकेगी।