मध्य प्रदेश में गरबा उत्सव को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। गरबा स्थल पर गौमूत्र पीने की शर्त पर एंट्री दिए जाने के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के बयान का समर्थन किया है, जो इस मुद्दे पर चर्चा का विषय बन गया है। मसूद ने कहा कि यदि किसी के धर्म से जुड़ी बात है और कोई इसे अपनाता है, तो इसमें आपत्ति करने वाली कोई बात नहीं है।
आरिफ मसूद का बयान
मसूद ने कहा, “जिस धर्म से यह जुड़ा है, वह उसका पालन करें, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुझे नहीं लगता कि किसी को इसका बुरा मानना चाहिए, और जिसे इस आयोजन में जाना है, वह जा सकता है। आयोजनकर्ता के नियम होते हैं, और जिसे उन नियमों का पालन करना है, वह उस कार्यक्रम में शामिल हो सकता है।”
बीजेपी नेता चिंटू वर्मा का सुझाव
इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गैर-हिंदुओं को गरबा में प्रवेश से रोकने के लिए यह सुझाव दिया कि पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गौमूत्र पीने के बाद ही एंट्री दी जाए। वर्मा ने कहा कि आधार कार्ड या तिलक लगाने से किसी की पहचान पक्की नहीं होती, लेकिन गौमूत्र पीने से स्पष्ट हो जाएगा कि व्यक्ति हिंदू है या नहीं।
सियासी विवाद
वर्मा के इस सुझाव के बाद राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। गरबा पंडालों में इस तरह के शर्तों को लेकर चर्चा गरमाई हुई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है, जबकि कुछ नेताओं ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के रूप में देखा है।
यह मामला गरबा पंडालों में धार्मिक पहचान और स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर बड़ा विवाद बन सकता है, क्योंकि इससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मतभेद भी गहराते जा रहे हैं।