मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पिता पूनमचंद यादव के निधन के बाद भी प्रदेश की घटनाओं पर पूरी निगरानी बनाए रखी और आवश्यक निर्देश दिए। उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने धार, ग्वालियर और झाबुआ जिलों में हुई घटनाओं के बारे में कलेक्टरों से जानकारी प्राप्त की और राहत कार्यों को सुनिश्चित किया। उन्होंने समाज सेवियों की सराहना करते हुए कहा कि धार जिले में बच्चों की जान बचाने वाले नागरिकों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
पितृशोक में भी प्रदेश पर नज़र
पिता के निधन के बाद भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को प्रदेश में हुई घटनाओं पर पूरी नज़र रखी। उन्होंने ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों के कलेक्टरों से फोन पर चर्चा कर घटनाओं का ब्यौरा लिया और नागरिकों की सुरक्षा और राहत के लिए सख्त निर्देश दिए।
झाबुआ में सहायता निर्देश
झाबुआ जिले की घटना पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि पानी में बह गईं दो बच्चियों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए। साथ ही, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियाँ बरतने को कहा।
ग्वालियर ट्रामा सेंटर की घटना
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर कलेक्टर से ट्रामा सेंटर में हुई घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्टाफ सतर्क रहे और अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करे।
धार जिले में समाज सेवियों का सम्मान
धार जिले के बड़वानिया गांव में हुई घटना पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से बात की और जानकारी ली कि कैसे आश्रम परिसर में पानी भरने से बच्चों को संकट का सामना करना पड़ा। समय रहते बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा। साथ ही, जिन्होंने बच्चों की जान बचाई, उन समाज सेवियों को सम्मानित करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पिता के निधन के बावजूद राजधर्म निभाते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर बनाए रखी और प्रशासनिक अधिकारियों से निरंतर संवाद करते रहे। उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।