मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीना रिफायनरी के आसपास स्थित ग्रामों को नो डेवलपमेंट जोन से हटाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने स्थानीय निवासियों द्वारा उठाई गई समस्याओं का जिक्र किया है, जो इस क्षेत्र में विकास और निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंधों के कारण परेशान हो रहे हैं।
बीना रिफायनरी पर एक नजर
बीना में स्थित बीपीसीएल रिफायनरी (पहले भारत-ओमान रिफायनरी) की नींव दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में रखी गई थी, और इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था। इस रिफायनरी के आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे को नो डेवलपमेंट जोन घोषित किया गया है, जिसमें सागर और विदिशा जिलों के कई गांव आते हैं। इस क्षेत्र में विकास और निर्माण पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिए कठिनाइयां पैदा हो रही हैं।
पत्र की मुख्य बातें
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा कि बीना रिफायनरी के आसपास के 22 ग्राम जो नो डेवलपमेंट जोन में आते हैं, वहां लगभग 1 लाख लोग निवास करते हैं। इन ग्रामों में किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध होने के कारण वहां के लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस पूरे क्षेत्र को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में शामिल कर विकास कार्यों की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे स्थानीय निवासियों को रोजगार और विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
विकास की कमी और पलायन की स्थिति
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि रिफायनरी के 5 किलोमीटर के दायरे में हजारों ग्रामीण बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। औद्योगिक और व्यवसायिक गतिविधियों के विकास की आवश्यकता महसूस की जा रही है, लेकिन वर्तमान में कोई ठोस योजना राज्य सरकार द्वारा नहीं बनाई गई है।
दिग्विजय सिंह ने बताया कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान “बीना डेवलपमेंट प्लान” का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, जो बाद में भाजपा सरकार द्वारा आगे नहीं बढ़ाया गया। इससे क्षेत्र के विकास की संभावनाएं धूमिल हो गईं।
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया है कि नो डेवलपमेंट जोन को हटाकर विकास की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस क्षेत्र के लोगों को समुचित सुविधाएं और विकास के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए, ताकि वे भी औद्योगिक प्रगति का हिस्सा बन सकें।