मध्य प्रदेश के किसानों को खाद की कमी से हो रही परेशानियों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कदम उठाए हैं। किसानों को रबी सीजन में खाद और बीज के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगने के बावजूद समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने खाद-बीज की कालाबाजारी को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए हैं।
खाद की कमी से परेशान किसान
रबी सीजन के आते ही किसान सरसों, गेहूं, चना जैसी फसलों की बुआई शुरू करते हैं, जिसके लिए खाद की आवश्यकता होती है। हाल के दिनों में कई जिलों में किसानों को खाद पाने के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ा, जबकि कुछ किसानों को खाद की आपूर्ति ही नहीं हो पाई।
कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश में खाद-बीज की कालाबाजारी को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी कालाबाजारी में लिप्त पाया जाए, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
खाद-बीज की पर्याप्त आपूर्ति और भंडारण
रबी सीजन के लिए मुख्यमंत्री ने खाद-बीज के भंडारण और आपूर्ति की पहले से ही व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में शामिल अधिकारियों को खाद-बीज की कमी न हो, इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कृषि अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक प्रशिक्षण देने का आदेश दिया गया। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि फसलों के बुवाई क्षेत्रों की पहचान कर, खाद और बीज की जरूरतों का सही आकलन किया जाए, ताकि अक्टूबर-नवंबर में किसानों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डीएपी का आवंटन बढ़ा
बैठक में यह जानकारी दी गई कि भारत सरकार ने प्रदेश के लिए डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का आवंटन बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन कर दिया है, जबकि पहले केवल 6 लाख मीट्रिक टन की सहमति दी गई थी। इसके अतिरिक्त, डीएपी की कमी से निपटने के लिए जिलों को एनपीके के उपयोग के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि खरीफ 2024 में डीएपी की कमी न हो। इसके साथ ही, प्रदेश में यूरिया और एसएसपी की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
किसानों की समस्याओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण पर चर्चा करने का भी आश्वासन दिया, जिससे किसानों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जा सके।