मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन में आयोजित दशहरा मिलन महोत्सव के दौरान प्रदेश को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने घोषणा की कि उज्जैन में औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से 50,000 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही 658 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया गया, जो आने वाले सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
रोजगार और विकास पर सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उज्जैन में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयां 50,000 लोगों को रोजगार प्रदान करेंगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वे 16 अक्टूबर को हैदराबाद जाकर निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे, जिससे प्रदेश में और अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकेंगे।
658 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ-2028 के मद्देनज़र 658 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इन कार्यों में प्रमुख रूप से सड़कों और पुलों का निर्माण शामिल है, जिससे सिंहस्थ के दौरान लोगों की आवाजाही और अधिक सुगम हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवारिया से लेकर सिंहस्थ बायपास तक फोरलेन का निर्माण होगा, जिससे उज्जैन को एक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में और मजबूती मिलेगी।
धार्मिक पर्यटन से प्रदेश को मिलेगी नई पहचान
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के जरिए उज्जैन को विश्व स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर की पहुंच को और सुगम बनाने के लिए सदावल में हेलिपेड का भी निर्माण किया जाएगा।
अग्निवीर योजना और चुनौतियों का दौर
डॉ. मोहन यादव ने वैश्विक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान समय चुनौतियों से भरा हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग्निवीर योजना की तारीफ करते हुए इसे भारतीय सेना के लिए “ताजा बल” बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे भगवान भी एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र रखते थे। इसी तरह, हमें भी समय की चुनौतियों का सामना करते हुए विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है।”
यह घोषणा न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि उज्जैन को विकास और धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में भी मजबूत करेगी।