डिजिटल प्लेटफार्म्स को अपने दायरे में लाने के बाद सूचना-प्रसारण मंत्रालय अब एक और चीज पर विचार कर रहा है। दरअसल, OTT प्लेटफार्म्स के खिलाफ सभी अदालती मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए एक याचिका दायर की जा सकती है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ 23 से अधिक अदालती मामले दायर किए गए हैं और एमआईबी का यह मानना है की एमआईबी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु आदि शहरों में जाना पड़ता है, लिहाजा मंत्रालय का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के तहत सभी मामलों को लाना बेहतर होगा।
आपको बता दे ,सरकार अब ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट प्रोवाइडर्स को ‘सूचना-प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) के दायरे में ले आई है। इसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। नौ नवंबर को जारी इस अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति ने वेब फिल्म्स, डिजिटल न्यूज और करेंट अफेयर्स कंटेंट को सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन लाने के आदेश को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में वकालत की थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन (Regulation of Digital Media) टीवी से ज्यादा जरूरी है। अब सरकार ने ऑनलाइन फिल्मों के साथ ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स के कंटेंट को सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने का कदम उठाया है।