मध्यप्रदेश में तीसरे चरण की वोटिंग के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ पार्टियों के चुनाव प्रचार में भी तेजी आ गई है। मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव लगातार संसदीय सीटों पर पहुंचकर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं और रोड शो कर रहे हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देवास के आगर मालवा के आगर में लोकसभा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महेंद्र सिंह सोलंकी के वोट के लिए अपिल किया।
सीएम मोहन यादव ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्य देवता और जनता में होड़ लगी है। तापमान के साथ भीड़ भी बढ़ती जा रही है। सीएम मोहन यादव ने मंच से कहा कि 5 मई को आएगी लाडली बहनों की राशि या उससे पहले भी आ सकता हैं।
मोहन यादव बोले कि मोदी है तो मुमकिन है। सेना ने पराक्रम किया और कांग्रेस ने सबूत मांगा। दस साल से देश मे एक भी आतंकवाद की घटना नहीं हुई। कोरोनाकाल में लोगों को कोविड से बचाव के मुफ्त टीके लगाए। सीएम ने कहा कि पहला वोट देश की सुरक्षा के लिए, दूसरा वोट कोविड से जान बचाने के लिए। भगवान का अपमान, हिंदू समाज के अपमान की कीमत विपक्षी दलों को चुकानी पड़ेगी। अभी भगवान राम मुस्कराए हैं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा और बोले कि जब भी बोले झूठ ही बोले। दो दिन पहले एमपी आए थे और सबके बीच किताब दिखाई, बोले संविधान की किताब है। आरोप लगाए भाजपा संविधान बदल देगी। दोस्तो वो किताब और कोई है।
मोहन यादव ने कहा कि सबसे पहले संविधान को बदलने का काम कांग्रेस ने किया। नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी सहित अन्य ने संविधान संशोधित किया। इंदिरा गांधी ने 29 बार संशोधन किया।
चुनाव जीतने के जरूरी है जनता आपको पसंद करे। जबसे आजादी मिली, धारा 370 लगाकर नासूर बनाया। 40 हजार निर्दोष लोग मारे गए। मोदी ने 370 खत्म की। देश के अंदर आतंकवाद खत्म किया।मोहन यादव बोले अबकी बार का वोट मथुरा के नाम का नारा लगाया। अबकी बार कृष्ण मुस्कराएगे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
देवास लोकसभा सीट 2008 अस्तित्व में आई. शाजापुर लोकसभा सीट को खत्म करके देवास लोकसभा सीट बनाई गई. यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है. 2009 में हुए यहां पर चुनाव में कांग्रेस के सज्जन सिंह को जीत मिली थी. उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री थावरचंद गहलोत को मात दी थी. हालांकि इसके अगले चुनाव में बीजेपी ने बदला लेते हुए इस सीट पर कब्जा किया.
बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल ने देवास लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा और आगर सीट पर उन्होंने विजय हासिल की.
ऐसे में देखा जाए तो इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बराबरी का मुकाबला रहा है. दोनों को यहां एक-एक चुनाव में जीत मिली है. देवास लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं.
आष्टा, शुजालपुर,देवास,आगर,कालापीपल, हटपिपल्या, शाजापुर और सोनकच्छ यहां की विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.
देवास लोकसभा चुनाव से जुड़ी जानकारी
महेंद्र सोलंकी को दूसरी बार देवास से बीजेपी की सीट मिली है। कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय इनके खिलाफ मैदान में हैं। 2019 में कांग्रेस ने प्रह्लाद सिंह टिपन्या को टिकट दी थी, इस चुनाव में उनका टिकट कट गया है। देवास लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य प्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से एक, अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक आस्था के लिए जाना जाता है। 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद यह क्षेत्र अस्तित्व में आया।
बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले मालवा क्षेत्र में देवास लोकसभा स्थित है। प्रसिद्ध टेकरी मंदिर के लिए जानी जाने वाली देवास लोकसभा में देवास जिले के अलावा सीहोर, शाजापुर और आगर मालवा जिले के हिस्से आते हैं। 2008 में परिसीमन के बाद आयोग की सिफारिश के बाद इस लोकसभा सीट का गठन किया गया था। देवास लोकसभा सीट की राजनीति इंदौर से बेहद प्रभावित रहती है।
देवास में सबसे प्रसिद्ध चामुंडा माता मंदिर है जो कि यहां टेकरी (छोटी पहाड़ी) पर स्थित है। इस मंदिर में मां भवानी के दो स्वरूपों की पूजा की जाती है जिसमें एक है चामुंडा माता और दूसरी है तुलजा भवानी माता। इनके दर्शन के लिए पूरे प्रदेश से लोग यहां आते हैं। मध्य प्रदेश में देवास की पहचान एक औद्योगिक शहर के तौर पर बनी हुई है। देवास लोकसभा सीट में भी आठ विधानसभाएं शामिल हैं. इन विधानसभा में आष्टा, आगर मालवा, शाजापुर, सुजालपुर, कालापीपल, सोनकच्छ, देवास और हॉट पिपलिया शामिल है।
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल ने कांग्रेस के सज्जन सिंह को हराया था. इस चुनाव में मनहोर ऊंटवाल को 665646(58.19 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं सज्जन सिंह को 405333(35.49 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 260313 वोटों का था. वहीं बसपा 1.51 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी.
इससे पहले 2009 के चुनाव में कांग्रेस के सज्जन सिंह को जीत मिली थी. उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता थावरचंद गहलोत को मात दी थी. सज्जन सिंह को 376421(48.08 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं थावरतंद गहलोत को 360964(46.1 फीसदी) वोट मिले थे.दोनों के बीच हार जीत का अंतर 15457 वोटों का था. इस चुनाव में बसपा 1.37 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी.
सामाजिक ताना-बाना
देवास जिला इंदौर से करीब 35 किमी की दूरी पर है. यहां माता की टेकरी पर चामुण्डा माता और तुलजा भवानी माता के प्रसिद्ध मन्दिर हैं ,जिसके दर्शन के लिये लोग दूर-दूर से आते हैं. देवास एक औद्योगिक नगर है.
यह एक ऐसा शहर है, जहा दो वंशों ने राज किया. होलकर राजवंश और पंवार राजवंश ने यहां पर राज किया. देवास में बैंक नोट प्रेस भी है. आर्थिक व्यय विभाग की औद्योगिक इकार्इ बैंक नोट प्रेस, देवास की संकल्पना 1969 में की गर्इ और 1974 में इसकी स्थापना हुर्इ.
2011 की जनगणना के मुताबिक देवास की जनसंख्या 24,85,019 है. इसमें से 73.29 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं और 26.71 फीसदी लोग शहरी क्षेत्र में रहते हैं. यहां पर 24.29 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की है और 2.69 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 16,17, 215 मतदाता थे. इसमें से 7,73,660 महिला मतदाता और 8,43, 555 पुरूष मतदाता थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर 70.74 फीसदी मतदान हुआ था.
जिले में क्या खास
इस लोकसभा सीट में कुल वोटर की बात की जाए तो यहां पर करीब 13 लाख वोटर हैं। यहां पर चामुंडा माता और तुलजा भवानी माता मंदिर के अलावा और भी जगहें हैं जिन्हे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। देवास में एक और सुंदर स्थान है जिसे मीठा तालाब के नाम से जाना जाता है। यहां पर पहले के समय में मराठा वंश का शासन था, जिसकी वजह से मीठा तालाब के पास पंवार शासकों की छत्रियां बनी हुई हैं जो कि देखने में बहुत सुंदर हैं।
पहले कांग्रेस फिर बीजेपी का परचम
गौरतलब है कि आठ विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। वही अगर लोकसभा की बात की जाए तो 2008 में देवास लोकसभा के गठन के बाद यहां पर कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है। 2019 में यहां से बीजेपी के महेंद्र सोलंकी ने चुनाव लड़ा था वही उनके सामने कांग्रेस की ओर से प्रहलाद सिंह टिपानिया खड़े हुए थे। इस चुनाव में महेंद्र सोलंकी ने करीब 4.30 लाख वोटो के अंतर से प्रहलाद सिंह को हराया था।
वर्ष | विजेता | पार्टी |
1962 | हुकम चंद कछवाई | भारतीय जनसंघ |
1967 | बाबूराव पटेल | भारतीय जनसंघ |
1971 | जगन्नाथराव जोशी | भारतीय जनसंघ |
1977 | फूल चंद वर्मा | जनता पार्टी |
1980 | फूल चंद वर्मा | जनता पार्टी |
1984 | बापूलाल मालवीय | कांग्रेस |
1989 | बापूलाल मालवीय | कांग्रेस |
1991 | फूल चंद वर्मा | बीजेपी |
1996 | थावरचंद गहलोत | बीजेपी |
1998 | थावरचंद गहलोत | बीजेपी |
1999 | थावरचंद गहलोत | बीजेपी |
2004 | थावरचंद गहलोत | बीजेपी |
2009 | सज्जन सिंह वर्मा | कांंग्रेस |
2014 | मनोहर उंटवाल | बीजेपी |
2019 | महेंद्र सोलंकी | बीजेपी |