नई दिल्ली : कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते संकट के बीच एक बार फिर पूरा देश काफी कठिनाइयों का सामना कर रहा है, जिसे लेकर मोदी सरकार लगातार राहत भरा कदम उठा रही है। अपने इसी कदम के तहत, सरकार ने डायरेक्ट टैक्स के विवादों को सुलझाने के तहत चलाई जा रही विवाद से विश्वास योजना की डेडलाइन 30 जून तक बढ़ा दी है। जिसकी घोषणा सरकार ने शनिवार को ही कर दी।
आपको बता दें कि शनिवार को सरकार ने घोषणा में कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से टैक्सपेयर्स को आ रही दिक्कतों को देखते हुए विवाद से विश्वास स्कीम के तहत टैक्स अदा करने की अवधि 30 जून, 2021 तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही सरकार ने टैक्स अधिकारियों की ओर से उन मामलों में आंकलन दोबारा शुरू करने के लिए नोटिस जारी करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी है, जिनमें आय का आंकलन नहीं हुआ है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने एक बयान में कहा कि विभाग की ओर से यह भी फैसला किया गया है कि प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम के तहत टैक्स देनदारी के तौर पर अदा की जाने वाली राशि का भुगतान बगैर किसी अतिरिक्त राशि के बढ़ा कर 30 जून 2021 तक किया जा सकेगा।
बता दें कि इस योजना के तहत घोषणा पत्र दाखिल करने की समय सीमा 31 मार्च को खत्म हो गई थी। विवाद से विश्वास योजना, कर विवादों के निपटारे का पेशकश करती है जिसके तहत विवादित टैक्स 100 फीसदी और विवादित दंड, ब्याज या शुल्क का 25 फीसदी भुगतान करना होता है। लेकिन टैक्सपेयर्स को किसी अतिरिक्त ब्याज, जुर्माने या इनकम टैक्स कानून के तहत मुकदमे से छूट मिल जाती है।
सीबीडीटी ने कहा कि उसे टैक्सपेयर्स, टैक्स कंस्लटेन्ट और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से इस बात के अनुरोध मिले थे कि कोविड-19 महामारी के गंभीर स्तर के मद्देनजर समय सीमा को आगे बढ़ाया जाए। सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने हाल ही में कहा था कि विवाद से विश्वास योजना के तहत अब तक 54 हजार करोड़ रुपये का समाधान किया गया है और एक-तिहाई विवादों को इस योजना के तहत सुलझा लिया गया है।