शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार के सासाराम में चुनावी रैली थी। अगले हफ्ते होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले ये उनकी पहली चुनावी रैली थी।
पीएम ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का भी जिक्र किया था। उनके इस भाषण पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया आई है।
महबूबा ने कहा कि आज बिहार में वोट बैंक के लिए पीएम मोदी को अनुच्छेद 370 का सहारा लेना पड़ रहा है। जब वे चीजों पर विफल होते हैं तो वे कश्मीर और 370 जैसे मुद्दों को उठाते हैं। वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में 370 को बहाल करने तक मेरा संघर्ष खत्म नहीं होगा. मेरा संघर्ष कश्मीर समस्या के समाधान के लिए होगा। महबूबा ने कहा कि बीजेपी ने बाबरी मस्जिद के आसपास ऐसा माहौल बनाया मानो वह कभी मौजूद ही न हो।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चीन ने लद्दाख में 1000 वर्ग किमी से अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया.चीन ने 370 को हटाने और भारत द्वारा किए गए परिवर्तनों पर खुलकर आपत्ति जताई है। वे इस बात से कभी इनकार नहीं कर सकते कि जम्मू-कश्मीर कभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतना प्रसिद्ध नहीं था, जितना अब है।
महबूबा मुफ्ती को अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। महबूबा मुफ्ती को 434 दिन बाद रिहा किया गया है। इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने 370 की फिर से बहाली के लिए मुहिम शुरू की है। इस मुहिम में जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दल एक साथ आ गए हैं।
पीडीपी नेता ने भारत की जीडीपी ग्रोथ बांग्लादेश से भी कम रहने के अनुमान को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा जब अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर आते हैं तो हम बांग्लादेश से भी पीछे हैं। चाहे बेरोजगारी हो या फिर कोई और मुद्दा, यह सरकार हर फ्रंट पर फेल हुई है। जब ये हर जगह फेल हो जाते हैं तो इन्हें कश्मीर और आर्टिकल 370 की याद आती है।
आप को बता दे कि पीएम मोदी ने सासाराम की अपनी रैली में शुक्रवार को विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था कि ‘सबको आर्टिकल 370 हटाए जाने का इंतजार था लेकिन ये लोग कह रहे हैं कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो वो इस फैसले को पलट देंगे।’
पीएम ने अपने भाषण में कहा, ‘एनडीए सरकार ने आर्टिकल 370 को हटा दिया. ये लोग कहते हैं कि अगर ये वापस सत्ता में आए तो इसे दोबारा ले आएंगे। ऐसे बयान देने के बाद ये लोग बिहार में वोट मांगने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? क्या यह बिहार का अपमान नहीं है? ऐसा राज्य जो अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर सुरक्षा करने के लिए भेजता है।