मेरठ कालेज में इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और रालोद के पूर्व नेता डा. ज्ञानेंद्र शर्मा का कोराेना के चलते निधन हो गया। कोरोना के चलते उनको सुभारती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां इनकी कोरोना की पहली जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, हालांकि अंतिम रिपोर्ट में वो नेगेटिव पाए गए थे।
न्यू मोहनपुरी के रहने वाले डा ज्ञानेंद्र शर्मा की माँ श्रद्धा देवी कांग्रेस से विधायक थीं। जब बनारसी दास गुप्ता प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ज्ञानेंद्र शर्मा लोकदल से शहर विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे। ज्ञानेंद्र शर्मा को डायबिटीज की समस्या थी।
ज्ञानेंद्र शर्मा मेरठ कॉलेज में प्रोफेसर होने के साथ-साथ राजनीति और शिक्षा जगत से भी जुड़े थे। उनके बड़े भाई आर्य इन्द्र शर्मा रसायन शास्त्र के प्रोफ़ेसर थे। उनका स्वयं का भी एक बड़ा शिक्षण संस्थान हैं। जिसमें पत्रकारिता के अलावा अन्य कई कोर्स कराए जाते हैं।
ज्ञानेंद्र शर्मा एनएएस कालेज में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। मंडल कमीशन के खिलाफ मेरठ में आंदोलन करने वालों में प्रमुख रहे। इसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। उनके निधन पर शिक्षा और समाज के अन्य वर्गों ने शोक जताया है। पूर्व विधायक हरेंद्र अग्रवाल, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, अमित शर्मा, पुनीत शर्मा, एडवोकेट रामकुमार शर्मा आदि ने उनके निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी है।