मायावती के विधायकों की संख्या हुई दहाई से भी कम बची
अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब उनकी पार्टी के सात विधायकों ने उनके खिलाफ बगावत कर दी। राज्यसभा चुनाव में बीएसपी की तरफ से पार्टी के नेता रामजी गौतम को उम्मीदवार बनाया गया हैं।
लेकिन उनके नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले चार विधायकों ने बुधवार को अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। इसके बाद तीन और विधायक मायावती के खिलाफ हो गए और गुरुवार को बीएसपी ने इन सभी सात विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 19 सीटों पर जीत मिली थी।
लेकिन पिछले तीन साल में उसके 10 विधायक पार्टी से अलग हो चुके हैं और मायावती के विधायकों की संख्या दहाई से भी कम बची है।
आज जिन सात विधायकों को मायावती ने बीएसपी से निलंबित किया है, उनमें- असलम राइनी (श्रावस्ती जिले की भिनगा सीट), असलम चौधरी (गाजियाबाद की धौलाना सीट), मोहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी (प्रयागराज की प्रतापपुर सीट), हाकिम लाल बिंद (प्रयागराज की हांडिया सीट), हरगोविंद भार्गव (सीतापुर जिले की सिधौली सीट), सुषमा पटेल (जौनपुर जिले की मुंगरा बादशाहपुर सीट) और वंदना सिंह (आजमगढ़ जिले की सगड़ी सीट से विधायक) शामिल हैं। बीएसपी ने इन विधायकों के निलंबन का पत्र जारी करते हुए इनके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाया है।