महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के अवसर पर मकर संक्रांति के दिन संगम तट पर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। मंगलवार को करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की गई। पुष्पवर्षा के इस भव्य आयोजन ने माहौल को भक्तिमय कर दिया, और संगम घाट जय श्री राम और हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा।
गुलाब की पंखुड़ियों से सजी भक्ति की तस्वीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के सभी स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं के सम्मान में पुष्पवर्षा की योजना बनाई गई है। उद्यान विभाग ने इसके लिए 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की थी। पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के बाद मकर संक्रांति के दिन अमृत स्नान पर भी श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की गई।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उनकी धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्नान पर्वों को यादगार बनाने के लिए यह पहल की है। उद्यान विभाग ने पहले दो दिनों के लिए 40 क्विंटल से अधिक गुलाब के फूलों का स्टॉक तैयार किया। यह सुनिश्चित किया गया कि हर घाट और अखाड़े पर पुष्पवर्षा की जाए।
महाकुंभ 2025 की विशेषताएं
पहला स्नान पर्व: पौष पूर्णिमा के दिन गुलाब की पंखुड़ियों से शुरू हुई पुष्पवर्षा।
दूसरा स्नान पर्व: मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा।
आगे की योजना: प्रत्येक स्नान पर्व पर 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने का लक्ष्य।
भक्तों की प्रतिक्रिया
श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बताते हुए सरकार का धन्यवाद किया। गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा ने संगम तट पर मौजूद भक्तों को भक्ति और आस्था के गहरे रंगों से सराबोर कर दिया।
सीएम योगी का निर्देश और व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। इस तरह की पहल न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाती है, बल्कि महाकुंभ की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को भी दर्शाती है।
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान दे रहा है। स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं का उत्साह और पुष्पवर्षा का यह नजारा आने वाले स्नान पर्वों के लिए भी उम्मीदें बढ़ा रहा है।