1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. Maha Kumbh 2025: ‘एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ’, महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग

Maha Kumbh 2025: ‘एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ’, महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का भव्य समापन हो चुका है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावुक ब्लॉग लिखते हुए महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, जिसने पूरी दुनिया को सनातन धर्म और मानवता का संदेश दिया।

By: Rekha 
Updated:
Maha Kumbh 2025: ‘एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ’, महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का भव्य समापन हो चुका है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावुक ब्लॉग लिखते हुए महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, जिसने पूरी दुनिया को सनातन धर्म और मानवता का संदेश दिया।

महाकुंभ 2025: श्रद्धा, संस्कृति और एकता का संगम

महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में इस आयोजन की भव्यता, साधु-संतों के आशीर्वाद और आध्यात्मिक वातावरण का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत करने वाला उत्सव भी है।

पीएम मोदी ने साधु-संतों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया

प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में सभी अखाड़ों के संतों, महात्माओं और देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन दुनिया को भारतीय संस्कृति की भव्यता और सर्वसमावेशी दर्शन का परिचय कराता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की भी सराहना की, जिन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया।

डिजिटल महाकुंभ की सराहना

महाकुंभ 2025 को डिजिटल रूप से भी बड़े स्तर पर प्रचारित किया गया। श्रद्धालु 360 डिग्री व्यू और लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक और परंपरा का अद्भुत समन्वय है।

‘एकता और अध्यात्म का प्रतीक’
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग के अंत में लिखा, “महाकुंभ केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि एकता, सद्भाव और अध्यात्म का प्रतीक है। यह हमें जोड़ता है, हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करता है और हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले महाकुंभ तक यह भावना सभी भारतीयों के हृदय में बनी रहेगी।


“महाकुंभ के दृश्यों को देखकर, प्रारंभ से ही मेरे मन में जो भाव जगे, वे पिछले 45 दिनों में और अधिक पुष्ट हुए हैं। राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य को लेकर मेरी आस्था कई गुना मजबूत हुई है। 140 करोड़ देशवासियों ने जिस तरह प्रयागराज में एकता के महाकुंभ को विश्व की महान पहचान बना दिया, वह अद्भुत है।”

प्रधानमंत्री ने देशवासियों के इस परिश्रम, प्रयास और संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि वे जल्द ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे। वहां वे श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प समर्पित कर हर भारतीय के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे।

उन्होंने महाकुंभ के समापन को महाशिवरात्रि के दिन पूर्णता प्राप्त होने की बात कहते हुए विश्वास जताया कि यह आध्यात्मिक चेतना और एकता की धारा मां गंगा की तरह निरंतर प्रवाहित होती रहेगी।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...