मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शराब फैक्ट्री में बाल श्रम घोटाले के बाद सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। यह निर्णायक कार्रवाई फैक्ट्री में नाबालिगों के काम करते पाए जाने के बाद आई है।
मुख्य कार्रवाइयां और निलंबन
इस खोज के मद्देनजर, कई अधिकारियों को निलंबन का सामना करना पड़ा है।
जिला आबकारी अधिकारी
तीन आबकारी उपनिरीक्षक
एक श्रम निरीक्षक
उत्पाद शुल्क विभाग ने सोम डिस्टलरी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जवाब असंतोषजनक था, जिसके बाद सरकार को फैक्ट्री बंद करने का आदेश देना पड़ा।
मामले का खुलासा तब हुआ जब बाल संरक्षण आयोग की एक टीम ने सोम डिस्टिलरी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने शराब उत्पादन में 20 लड़कियों सहित 59 नाबालिगों को शामिल पाया। परेशान करने वाली बात यह है कि इनमें से कई बच्चों के हाथ काम के कारण जल गए थे।
सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. सोम डिस्टिलरीज के लाइसेंस का निलंबन इस मामले में की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाइयों में से एक है, जिसका उद्देश्य बाल श्रम कानूनों को लागू करना और कमजोर बच्चों की रक्षा करना है।